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यहाँ बीते चार साल से नहीं हुए परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों के तबादले, बीमार हैं तो भी तवज्जो नहीं

 प्रयागराज, जेएनएन। अंतरजनपदीय तबादलों के लिए शासन स्तर से दिशा निर्देश जारी हो चुके हैं। इसे लेकर कोर्ट की तरफ से भी स्थितियां साफ कर दी गई हैं कि सत्र के बीच में भी स्थानांतरण हो सकता है। दूसरी तरफ जिले में तैनात सैकड़ों शिक्षक एक ब्लाक से दूसरे ब्लाक में स्थानांतरण की बाट जोह रहे हैं।



चार साल से नहीं हुए सामान्य स्थानंतरण
 प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन के प्रांतीय उपाध्यक्ष अजय सिंह ने बताया कि चार साल से जिले में सामान्य स्थानांतरण नहीं हुए हैं। अंतिम बार 2016 में स्थानांतरण हुए थे। शिक्षक का पद जनपद कैडर का होता है। तैनाती नियमावली 2010 के अनुसार पहले पांच साल पुरुष शिक्षकों की तैनाती सुदूर के ब्लॉकों में की जाती है। अंतरजनपदीय शिक्षक के मामले में 2013 से ही तैनाती नियमावली के विरुद्ध बाहर से आए शिक्षकों को सामान्य यानी शहर के नजदीक के विद्यालयों में तैनाती दे दी गई। 2017 में भी अंतर जनपदीय तबादले हुए लेकन जनपद के भीतर के तबादले पर कोर्ट ने रोक लगा दी थी। 2018 में जनपद के भीतर ट्रांसफर की कोई योजना नहीं आई। हां पारस्परिक स्थानांतरण जरूर हुए। 2019-20 सत्र में अंतरजनपदीय पॉलिसी के लेकर 2020-21 सत्र में तबादले किए जा रहे हैं जबकि सत्र खत्म हो गया है।



गंभीर बीमार हैं तब भी नहीं किए जा रहे स्थानांतरण

वहींं जिले के भीतर के शिक्षकों का पांच वर्ष से अधिक समय बीतने पर भी स्थानांतरण नहीं हो रहा है। कई शिक्षक दंपति अलग ब्लॉकों में 100 किलोमीटर से अधिक दूरी पर तैनात हैं। कई शिक्षक गंभीर बीमारी से पीडि़त हैं और दूर दराज के गांव में तैनात हैं।  सरकार जनपद के शिक्षकों के तबादलों के बारे में आदेश नहीं जारी कर रही। इस संबंध में बेसिक शिक्षाधिकारी संजय कुशवाहा ने बताया कि अभी जनपदीय स्थानांतरण के लिए शासन से कोई निर्देश नहीं मिला है। अंतर जनपदीय स्थानांतरण की प्रक्रिया चल रही थी। न्यायालय से भी उस संबंध में स्थितियां स्पष्ट कर दी गई हैं। जल्द ही यह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। उसके बाद शासन से निर्देश मिलने पर जनपदीय स्थानांतरण के लिए भी आवेदन मांगे जाएंगे।

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