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बेसिक शिक्षा विभाग के विद्यालयों की वार्षिक परीक्षाओं पर भी संकट के बादल

कोरोना काल में बेसिक शिक्षा विभाग के कक्षा एक से आठवीं तक के सरकारी स्कूलों में छमाही की परीक्षा प्रभावित होने के बाद अब वार्षिक परीक्षाओं पर भी संकट के बादल मंडरा गए हैं। फिलहाल विद्यालय 23 जनवरी तक बंद हैं। अप्रैल से नया सत्र शुरू होना है। पिछले दो वर्षों से सरकारी स्कूलों के बच्चे प्रमोट किए जा रहे हैं। वार्षिक कैलेंडर के मुताबिक नवंबर के अंतिम माह तक छमाही परीक्षाएं कराई जाती है।


शिक्षाविद डा. रक्षपाल सिंह का कहना है कि जो बच्चा तीन साल पहले पांचवीं कक्षा में था वो बिना ठीक से पढ़े और परीक्षा दिए नौवीं कक्षा में प्रवेश के लिए तैयार खड़ा होगा। बीएसए सतेंद्र कुमार ढाका ने कहा कि अभी शासन की ओर से बच्चों को विद्यालय न बुलाए जाने के आदेश हैं। परीक्षाएं कराने संबंधी निर्देश आएंगे तो उसका पालन किया जाएगा। इधर, बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थी व उनको पढ़ाने वाले गुरुजी दोनों आनलाइन माध्यम के दायरे में आ गए हैं। विद्यार्थियों को शिक्षक आनलाइन पढ़ाई कराएंगे। साथ ही वह खुद ही प्रदेश स्तरीय कविता लेखन प्रतियोगिता में भागीदारी करेंगे। कविता का सृजन कर ऑनलाइन माध्यम से उसको शासन स्तर पर प्रेषित करेंगे। बीएसए सतेंद्र कुमार ढाका ने बताया कि नई शिक्षा नीति-2020 के तहत स्थानीय भाषाओं के महत्व को बताते हुए शिक्षण कार्य कराने की योजना बनाई गई है। इसलिए शिक्षकों के बीच स्थानीय भाषा में कविता लेखन प्रतियोगिता को माध्यम बनाया गया है। इसमें शिक्षक, शिक्षामित्र व अनुदेशक प्रतिभागी हो सकते हैं। शिक्षकों को अपनी कविताओं की प्रविष्टियों को राज्य हिंदी संस्थान की वेबसाइट पर ऑनलाइन माध्यम पांच फरवरी 2022 तक भेजनी हैं। उत्कृष्ट लेखन करने वाले को प्रदेश स्तर पर सम्मानित किया जाएगा।

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