Ticker

6/recent/ticker-posts

Ad Code

बीमा पॉलिसी बंद, फिर भी शिक्षकों के वेतन से हो रही प्रीमियम की कटौती

 लखनऊ। बेसिक शिक्षा परिषद में 31 मार्च 2014 के बाद नियुक्त दो लाख से अधिक शिक्षकों व कर्मचारियों की सामूहिक बीमा पॉलिसी बंद होने के बावजूद उनके वेतन से हर महीने प्रीमियम के तौर पर 87 रुपये की कटौती की जा रही है। यह पैसा सरकारी खजाने में जा रहा है लेकिन इसके एवज में उनको कोई दूसरी पॉलिसी नहीं दी गई है।




गौरतलब है कि बेसिक शिक्षा विभाग ने 31 मार्च 2014 के बाद नियुक्त हुए परिषदीय शिक्षकों, सहायता प्राप्त विद्यालयों के शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए एलआईसी के जरिये पॉलिसी नंबर 4521 व 116846 के तहत समूह बीमा कराया था। जबकि एलआईसी ने अप्रैल 2019 में दोनों पॉलिसी को वर्ष 2014 से ही बंद करने का नोटिस उच्च शिक्षा विभाग को दे दिया था। इसके बावजूद शिक्षकों व कर्मचारियों से वेतन से हर महीने प्रीमियम के तौर 87 रुपये की कटौती बंद नहीं की गई। इस तरह सभी शिक्षकों के प्रीमियम से सरकारी खजाने में हर महीने लगभग 1.80 करोड़ रुपये और सालाना 20 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जमा हो रही है। पर शिक्षकों और कर्मचारियों को कोई दूसरी बीमा पॉलिसी नहीं दी गई है। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष दिनेश चंद्र शर्मा का कहना है कि ऐसा पहली बार हो रहा है, जब शिक्षकों के वेतन से प्रीमियम की कटौती के बावजूद उनको बीमा लाभ नहीं मिल रहा है.




एलआईसी से नहीं हुई जमा प्रीमियम की वसूली

एलआईसी ने 31 मार्च 2014 के बाद नियुक्त हुए शिक्षकों और कर्मचारियों की पॉलिसी को वर्ष 2014 से ही बंद कर दी थी। जबकि विभाग की ओर से एलआईसी को वर्ष 2014 से 2019 तक प्रीमियम की राशि जमा कराई गई है। एलआईसी के पास जमा प्रीमियम की वसूली भी अब तक नहीं हुई है।

शासन स्तर पर लंबित है प्रीमियम कटौती बंद करने का निर्णय
 प्रीमियम कटौती बंद करने का निर्णय शासन स्तर पर लंबित है। शासन के निर्णय के बाद शिक्षकों और कर्मचारियों के प्रीमियम की राशि उन्हें वापस भी लौटाई जा सकती है। सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालयों से जिलों में 31 मार्च 2014 के पहले और बाद में नियुक्त शिक्षकों, कर्मचारियों का रिकॉर्ड मांगा गया है। - रवींद्र कुमार, वित्त नियंत्रक, बेसिक शिक्षा परिषद

إرسال تعليق

0 تعليقات

latest updates

latest updates

Random Posts