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प्राइमरी स्कूलों में दाखिला में उम्र बन रही बाधा, नियमों में छूट नहीं दी गई तो घट जाएगी छात्र संख्या

 प्रतापगढ़। जिले के प्राइमरी स्कूलों में कक्षा एक में प्रवेश के लिए छह वर्ष के आयु की बाध्यता होने से दाखिला प्रभावित हो रहा है। जबकि निजी स्कूलों में तीन वर्ष के बच्चे का नामांकन हो जाता है। शहर और गांव के प्राइमरी स्कूलों के शिक्षक घर-घर जाकर छह वर्षीय बच्चे खोज रहे हैं।


बेसिक शिक्षा विभाग के प्राइमरी स्कूलों में एक अप्रैल 2024 को छह साल की आयु पूरा करने वाले बच्चों का कक्षा एक में नामांकन किया जा रहा है। उम्र की पुष्टि के लिए उनके पास आधार नंबर होना चाहिए। यदि यह नहीं है तो परिजनों का आधार कार्ड लगेगा। यदि बच्चे की उम्र छह साल से कम मिलती है तो उसका नामांकन नहीं होगा। ऐसे में परिजनों को परेशान होना पड़ रहा है।


वहीं निजी स्कूलों में तीन साल की उम्र में ही बच्चों का नामांकन हो जाता है। कॉन्वेंट स्कूलों में पीजी, यूकेजी और एलकेजी में पढ़ाई करने के बाद कक्षा एक में प्रवेश लिया जाता है। जबकि प्राइमरी स्कूलों में सिर्फ बाल वाटिका की ही कक्षाएं संचलित की जा रही हैं। संवाद

नियमों में छूट नहीं दी गई तो घट जाएगी छात्र संख्या

बेसिक शिक्षा विभाग ने प्री प्राइमरी स्कूल (आंगनबाड़ी) में दाखिले की न्यूनतम उम्र तीन साल और कक्षा एक में प्रवेश की न्यूनतम उम्र छह वर्ष निर्धारित की है। इस नियम के चलते अभिभावकों को निजी स्कूलों का रुख करना पड़ रहा है। अगर नियमों में ढील नहीं दी गई, तो सरकारी स्कूलों में छात्र संख्या में गिरावट आ जाएगी। पिछले वर्षों में अप्रैल के पहले सप्ताह तक 25 एडमिशन हो जाते थे। अभी तक कक्षा एक में चार नए प्रवेश हुए हैं। करीब आठ बच्चों की आयु छह साल पूरी ना होने के कारण उन्हें प्रवेश नहीं दिया जा सका। अंशू मौर्य, प्रधानाध्यापक शीतलागंज, बेलखरनाथधाम


उम्र की बाध्यता के कारण प्रवेश के लिए आने वाले बच्चों को वापस कर दिया जा रहा है। अभी तक तीन बच्चों के प्रवेश हुए हैं। इससे परिजन भी निराश हो जाते हैं। अनिल पाल, प्रधानाध्यापक, प्राइमरी स्कूल सरखेलपुर, बेलखरनाथधाम

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