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25,753 नौकरियां रद करने के फैसले पर रोक से इन्कार

 नई दिल्ली, ग्रेटूः सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षक भर्ती घोटाले में बंगाल सरकार के अधिकारियों की भूमिका की सीबीआइ जांच कराने संबंधी कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश पर सोमवार को रोक लगा दी। हालांकि, शीर्ष अदालत ने 25,753 शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति को रद करने पर फिलहाल रोक लगाने से इन्कार कर दिया।



सुप्रीम कोर्ट राज्य संचालित और सहायता प्राप्त स्कूलों में स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) द्वारा की गई 25,753 शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति को रद करने वाले हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ बंगाल सरकार की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पार्डीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने नियुक्तियों को रद

बंगाल का मामला

करने के हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया और कहा कि वह इस मामले पर छह मई को सुनवाई करेगी।

यह देखते हुए कि 25 हजार से अधिक लोगों की नौकरियां छीनना एक गंभीर मामला है, शीर्ष अदालत ने पूछा कि क्या उपलब्ध सामग्री के आधार पर वैध और अवैध नियुक्तियों को अलग करना संभव है? क्या यह पता लगाया जा सकता है कि धोखाधड़ी का लाभ किन लोगों को मिला? पीठ ने कहा, हम उस

निर्देश पर रोक लगाएंगे, जिसमें कहा गया है कि सीबीआइ राज्य सरकार के अधिकारियों के खिलाफ आगे की जांच करेगी।

कलकत्ता हाई कोर्ट ने कहा था कि सीबीआइ अवैध नियुक्तियों को समायोजित करने के लिए अतिरिक्त पदों के निर्माण को मंजूरी देने में शामिल व्यक्तियों के संबंध में आगे की जांच करेगी। यदि आवश्यक हुआ तो सीबीआइ इसमें शामिल लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ करेगी। आदेश को चुनौती देते हुए राज्य सरकार ने शीर्ष अदालत के समक्ष दायर अपनी याचिका में कहा कि हाई कोर्ट ने मनमाने ढंग से नियुक्तियों को रद कर दिया। याचिका में कहा गया है कि हाई कोर्ट पूरी चयन प्रक्रिया को रद करने के प्रभाव को समझने में विफल रहा।

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