Ticker

6/recent/ticker-posts

Ad Code

इंटरमीडिएट भी नहीं था पास, फर्जीवाड़ा कर शिक्षक बना था युवक

  महराजगंज, । शिक्षकों की जांच के बाद बेसिक शिक्षा विभाग ने जिन दस शिक्षकों को बर्खास्त करने के करीब दो साल बाद एफआईआर दर्ज कराया है, उनमें एक फर्जी शिक्षक ऐसा है जिसकी इंटरमीडिएट का प्रमाण पत्र ही फर्जी है। अब केस दर्ज होने के बाद फर्जी शिक्षकों के खिलाफ गिरफ्तारी की तलवार लटकनी शुरू हो गई है।




नियुक्ति में फर्जीवाड़ा मिलने पर बर्खास्ती के आदेश के अनुसार निचलौल क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय बढ़ैपुरवा में अरविन्द कुमार यादव की नियुक्ति 30 अगस्त-2016 को हुई थी। अरविन्द ने इंटरमीडिएट का प्रमाण पत्र केरल का लगाया था। शिकायत की जांच में विभाग ने स्टेट बोर्ड आफ एजुकेशनल परीक्षा केरल से प्रमाण पत्र का सत्यापन कराया। इसमें यह बताया कि अरविन्द का इंटरमीडिएट का प्रमाण पत्र वहां से जारी ही नहीं हुआ है। अरविन्द ने स्नातक का प्रमाण पत्र भगवंत विश्वविद्यालय सिकर रोड अजमेर राजस्थान का लगाया था। पर, वहां अरविन्द का पंजीकरण ही नहीं मिला।


फर्जी डीएड डिग्री पर मास्टर बना था सैयद अली


नियुक्ति में फर्जीवाड़ा में निचलौल क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय बैठवलिया के शिक्षक सैयद अली के खिलाफ बर्खास्तगी के बाद कोतवाली में एफआईआर दर्ज हुआ है। सैयद ने नियुक्ति के लिए सवामी विवेकानंद विश्वविद्यालय मध्यप्रदेश के डीएड की डिग्री लगाया था। जांच में यह फर्जी मिला। सैयद ने अपना पता तिवारीपुर गोरखपुर बताया है, लेकिन जानकारों का कहना है कि वह महराजगंज का रहने वाला है। वह श्यामदेउरवा थाना क्षेत्र में अपना एक क्लीनिक चलाता है।


एसटीएफ के रडार पर थे अजय व वेदानंद


फर्जी शिक्षकों में निचलौल क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय पैकौली के शिक्षक वेदानंद यादव व प्राथमिक विद्यालय शिकारपुर के शिक्षक अजय प्रताप चौधरी के खिलाफ भी केस दर्ज है। यह दोनों एसटीएफ के रडार पर थे। अजय प्रताप चौधरी बस्ती के कम्पोजिट विद्यालय चकिया क्षेत्र कुदरहा के प्रधानाध्यापक के नाम-पता व उनके शैक्षिक प्रमाण पत्र पर फर्जी ढंग से नियुक्ति करा ली थी। वेदानंद यादव का विशिष्ट बीटीसी का प्रमाण पत्र फर्जी मिला था।


बीएसए कार्यालय से शुरू होगी नियुक्ति फर्जीवाड़ा की जांच


जिन फर्जी बर्खास्त शिक्षकों के खिलाफ कोतवाली में केस दर्ज कराया है, उनकी नियुक्ति 2016 में हुई थी। शिकायत के बाद 2022 में कार्रवाई हुई। खंड शिक्षा अधिकारियों ने अपने तहरीर में बताया है कि इन सभी की नियुक्ति से जुड़ी सभी पत्रावली बीएसए कार्यालय से प्राप्त की जा सकती है। ऐसे में विवेचना के लिए पुलिस बीएसए कार्यालय में पहुंच सकती है। हैरत वाली बात यह है कि नियुक्ति के समय सत्यापन में जो प्रमाण पत्र वैध मिले थे और उसी आधार पर वेतन लगाने का आदेश जारी हुआ था। शिकायत की जांच में फिर से कराए गए सत्यापन में मूल प्रमाण पत्र फर्जी मिले हैं।



नियुक्ति में फर्जीवाड़ा के आरोप में बर्खास्त दस शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया गया है। विवेचना में जो सभी साक्ष्य मिलेंगे, उसके आधार पर अग्रिम विधिक कार्रवाई की जाएगी।


मनोज कुमार रॉय-प्रभारी निरीक्षक कोतवाली

إرسال تعليق

0 تعليقات

latest updates

latest updates

Random Posts