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अब शिक्षकों को जांचनी होगी रोज 150 कॉपियां, मूल्यांकन प्रक्रिया में राज्य विश्वविद्यालय प्रशासन ने किया अहम बदलाव

 भंडारण में अब सिर्फ तीन माह रखी जाएंगी कॉपियां

कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय में उत्तरपुस्तिकाओं को सुरक्षित रखने के लिए भंडारण तैयार किया गया है। इसमें तकरीबन 75 लाख उत्तरपुस्तिका रखने की क्षमता है। सेमेस्टर प्रणाली लागू होने के बाद अब महज तीन माह ही उत्तर पुस्तिकाओं को सुरक्षित रखा जाएगा। इसके बाद नष्ट कर दिया जाएगा। संबंधित छात्र आरटीआई के माध्यम से रिजल्ट जारी होने के तीन माह तक ही उत्तरपुस्तिकाएं देख सकेंगे।



प्रयागराज, । प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भय्या) राज्य विश्वविद्यालय में विषम सेमेस्टर की परीक्षा पांच दिसंबर से शुरू है। राज्य विवि ने मूल्यांकन प्रक्रिया में अहम बदलाव किया है। शिक्षकों को प्रतिदिन अधिक से अधिक 150 उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन करना होगा। इससे पहले शिक्षक 40 से 50 उत्तर पुस्तिकाओं का ही मूल्यांकन करते थे। 20 दिसंबर से मूल्यांकन प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी है।


मौजूदा शैक्षिक सत्र में विश्वविद्यालय और संबद्ध कॉलेजों में स्नातक चार और परास्नातक एक वर्षीय पढ़ाई शुरू हुई है। इसके साथ ही सभी पाठ्यक्रमों में सेमेस्टर प्रणाली लागू हुई है। जबकि इसके पहले पीजी में सेमेस्टर और स्नातक में वार्षिक परीक्षा होती थी। विषम सेमेस्टर की परीक्षा मंडल के (प्रयागराज, प्रतापगढ, कौशाम्बी और फतेहपुर) के 142 केंद्रों में हो रही है। परीक्षा पांच जनवरी तक चलेगी।


कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार सिंह ने बताया कि सवा पांच लाख विद्यार्थी परीक्षा के लिए पंजीकृत हैं। शिक्षकों को तकरीबन 25 लाख कॉपियों का मूल्यांकन करना होगा। 20 दिसंबर से मूल्यांकन प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी है। ताकि समय पर रिजल्ट प्रदान कर नए सेमेस्टर की पढ़ाई एकेडमिक कैलेंडर के मुताबिक शुरू की जा सके

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