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Primary ka master: शिक्षकों के अवकाश की प्रक्रिया हुई सरल, नहीं देना होगा शपथपत्र

 सादात। राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत कर्मियों को देय विभिन्न अवकाशों की प्रक्रिया को सरल बनाया गया है। अब चिकित्सा प्रमाणपत्र समस्त रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर प्रदान कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें अधिकृत कर दिया गया है।



उत्तर प्रदेश शासन के विशेष सचिव उमेश चंद्र का आदेश पत्र स्कूल शिक्षा महानिदेशक एवं राज्य परियोजना निदेशक कंचन वर्मा विभाग को भेजा है। अब शिक्षकों को किसी प्रकार के अवकाश प्रकरण के निस्तारण में स्टांप पेपर पर शपथ- पत्र देने की आवश्यकता नहीं होगी। संबंधित प्रधानाचार्य द्वारा अर्जित अवकाश, चिकित्सा अवकाश और बाल्य देखभाल अवकाश के प्रकरण को आवेदन की तिथि से दो कार्य दिवस के भीतर जिला विद्यालय निरीक्षक को उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा। आवेदन मिलने के तीन दिन के भीतर जिला विद्यालय निरीक्षक को इस आवेदन को स्वीकृत करना होगा। बाल्य देखभाल अवकाश एक बार में अधिकतम 30 दिनों के लिए ही दिया जाएगा। चुनाव, आपदा, जनगणना और बोर्ड परीक्षा के दौरान यह अवकाश स्वीकृत नहीं किया जाएगा।



 उक्त परिस्थितियों के अलावा और विद्यालय बंद होने की स्थिति को छोड़कर बाल्य देखभाल अवकाश के प्रकरणों को प्रधानाचार्य द्वारा भेजे जाने पर जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा अनिवार्य रूप से स्वीकृत किया जाएगा। बाल्य देखभाल अवकाश एक कैलेंडर वर्ष के दौरान तीन बार से अधिक नहीं मिलेगा। अवकाश के दिनों में कार्य करने वाले कर्मियों को माह में अधिकतम दो अवकाश विद्यालय के प्रधानाचार्य द्वारा स्वीकृत किया जाएगा। अवकाश स्वीकृत करते समय वित्तीय हस्तपुस्तिका में उल्लिखित अवकाश नियमों और समय-समय पर निर्गत आदेशों एवं शासनादेशों का पालन किया जाना आवश्यक होगा। राजकीय बालिका इंटर कालेज सादात की प्रधानाचार्या मंजू प्रकाश ने बताया कि इस आदेश से अवकाश लेने की जटिल प्रक्रिया सरल हो जाएगी। शिक्षक एवं शिक्षिकाएं आसानी से अवकाश ले सकेंगे। राजकीय हाई स्कूल कटरिया के प्रधानाचार्य सुधीर कुमार विश्वास और राजकीय हाई स्कूल बिरनो के प्रधानाचार्य जय प्रकाश गुप्ता ने अवकाश लेने की प्रक्रिया के सरलीकरण आदेश को शिक्षक के हित में उपयोगी बताया।

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