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यूपी विधान परिषद में शिक्षा सेवा चयन आयोग सहित आठ विधेयक पेश, 14 लाख शिक्षकों को मिलेगा कैशलेस इलाज

 उत्तर प्रदेश विधान परिषद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन शुक्रवार को सरकार ने शिक्षा सेवा चयन आयोग से जुड़े विधेयक सहित कुल आठ महत्वपूर्ण विधेयक सदन में पेश किए। इनमें सबसे अहम प्रस्ताव शिक्षकों के लिए कैशलेस चिकित्सा सुविधा से जुड़ा है, जिससे प्रदेश के करीब 14 लाख शिक्षकों को सीधा लाभ मिलेगा।

🔶 शिक्षा सेवा चयन आयोग विधेयक 2025

सरकार ने उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग (संशोधन) विधेयक सदन में रखा है। इस विधेयक का उद्देश्य:

  • शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाना

  • लंबित भर्तियों को तेजी से पूरा करना

  • चयन प्रक्रिया में तकनीकी व प्रशासनिक सुधार करना

यह विधेयक आने वाले समय में टीजीटी, पीजीटी, असिस्टेंट प्रोफेसर और एडेड कॉलेज भर्ती से जुड़े अभ्यर्थियों के लिए बेहद अहम माना जा रहा है।

🔶 शिक्षकों को कैशलेस चिकित्सा सुविधा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा शिक्षक दिवस (5 सितंबर) को की गई घोषणा को अब विधेयक के माध्यम से लागू करने की दिशा में कदम बढ़ाया गया है।

इसके तहत:

  • 10.92 लाख परिषदीय शिक्षक

  • लगभग 3 लाख माध्यमिक शिक्षक

को कैशलेस इलाज की सुविधा मिलेगी।
सरकार के अनुमान के अनुसार:

  • परिषदीय शिक्षकों पर करीब ₹350 करोड़

  • माध्यमिक शिक्षकों पर लगभग ₹90 करोड़ खर्च होंगे।

🔶 विधान परिषद में पेश अन्य विधेयक

इन आठ विधेयकों में शामिल प्रमुख प्रस्ताव:

  • यूपी निजी विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक

  • नगर निगम संशोधन विधेयक

  • व्यापार सुगमता संशोधन विधेयक

  • पेंशन एवं अधिकारिता से संबंधित विधेयक

सदन में विधेयक पेश होने के बाद नियम 105 के अंतर्गत सूचनाएँ रखी गईं और याचिकाओं को समिति को भेजा गया।

🔶 सदन की कार्यवाही

विधान परिषद के सभापति डॉ. महेंद्र कुमार सिंह ने कार्यवाही के बाद सदन को सोमवार सुबह 11 बजे तक स्थगित कर दिया।

📌 क्यों महत्वपूर्ण है यह खबर?

यह फैसला खास तौर पर इन वर्गों के लिए अहम है:

  • UP Teacher Vacancy के अभ्यर्थी

  • शिक्षक संघ

  • सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे युवा

  • परिषदीय व माध्यमिक शिक्षक

शिक्षा सेवा चयन आयोग से जुड़े बदलाव आने वाले समय में यूपी की शिक्षक भर्तियों की दिशा और गति तय करेंगे।

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