फिरोजाबाद। डायट फिरोजाबाद से विशिष्ट बीटीसी (1999, 2004, 2007 और 2008 बैच) की मूल अंकतालिकाएं चोरी होने का मामला लगातार गंभीर होता जा रहा है। इस घटना का असर केवल फिरोजाबाद तक सीमित नहीं है, बल्कि सुल्तानपुर, जौनपुर, अयोध्या समेत प्रदेश के कई जिलों में तैनात लगभग 1500 शिक्षकों पर पड़ रहा है।
इनमें से करीब 1000 शिक्षक फिरोजाबाद में तथा 500 अन्य जिलों में कार्यरत हैं, जो अब अंकतालिकाओं के अभाव में केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (CTET) का आवेदन नहीं कर पा रहे हैं। सीटेट आवेदन की अंतिम तिथि नजदीक होने से शिक्षकों की चिंता और बढ़ गई है।
❗ पत्र भेजा गया, लेकिन एफआईआर नहीं
मामले में उस समय बड़ा मोड़ आया जब यह तथ्य सामने आया कि
डायट प्राचार्य बृजेंद्र कुमार द्वारा 24 जून 2024 को नियामक प्राधिकरण को भेजे गए पत्र में चोरी की सूचना देने का दावा किया गया था, लेकिन इसके विपरीत नारखी थाने में कोई एफआईआर दर्ज ही नहीं कराई गई।
इससे न केवल प्रशासनिक लापरवाही पर सवाल उठ रहे हैं, बल्कि चोरी की सच्चाई और पारदर्शिता पर भी संदेह गहराता जा रहा है।
📄 टीईटी/सीटेट की अनिवार्यता से खुला मामला
अंकतालिकाओं की चोरी का खुलासा तब हुआ जब शिक्षकों को सीटेट फॉर्म भरने के लिए शैक्षिक अंकों की अनिवार्यता पड़ी।
जब शिक्षक अपने दस्तावेज निकलवाने डायट पहुंचे, तब उन्हें पता चला कि उनकी मूल अंकतालिकाएं गायब हैं।
यदि सीटेट आवेदन में अंकों की बाध्यता न होती, तो यह मामला वर्षों तक दबा रह सकता था।
❓ कई गंभीर सवाल खड़े
इस पूरे प्रकरण ने कई अहम सवाल खड़े कर दिए हैं—
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इतनी बड़ी संख्या में दस्तावेज कैसे चोरी हो गए?
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समय रहते एफआईआर क्यों दर्ज नहीं कराई गई?
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क्या शिक्षकों के भविष्य से लापरवाही की जा रही है?
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सीटेट आवेदन से वंचित शिक्षकों की जिम्मेदारी कौन लेगा?
शिक्षक संगठनों ने मामले की निष्पक्ष जांच, एफआईआर दर्ज कराने और वैकल्पिक प्रमाण पत्र जारी करने की मांग की है।