उत्तर प्रदेश में शिक्षक बनने का सपना देख रहे लाखों अभ्यर्थियों के लिए उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (UP TET) एक बार फिर चर्चा में है। नवगठित उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती यूपी-टीईटी परीक्षा को जल्द से जल्द और पारदर्शी तरीके से आयोजित कराना है।
यूपी-टीईटी 2021 का इतिहास और पेपर लीक मामला
यूपी-टीईटी 2021 की परीक्षा प्रश्नपत्र लीक होने के कारण विवादों में आ गई थी। इसके चलते परीक्षा को रद्द कर 21 जनवरी 2022 को दोबारा आयोजित किया गया।
इस परीक्षा का परिणाम 8 अप्रैल 2022 को घोषित हुआ था। इसके बाद से अब तक नई टीईटी परीक्षा आयोजित नहीं हो सकी है, जिससे अभ्यर्थियों में भारी असमंजस बना हुआ है।
नए आयोग को सौंपी गई टीईटी की जिम्मेदारी
अब सरकार ने यूपी-टीईटी के आयोजन की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग को सौंप दी है। आयोग की ओर से प्रारंभिक तौर पर 29 और 30 जनवरी को परीक्षा तिथियां प्रस्तावित की गई थीं, लेकिन इतने कम समय में परीक्षा कराना व्यावहारिक रूप से कठिन नजर आ रहा है।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश और शिक्षकों की बढ़ती चिंता
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के लिए टीईटी उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। इस फैसले के बाद बड़ी संख्या में शिक्षक और अभ्यर्थी यूपी-टीईटी परीक्षा का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
टीईटी नहीं होने के कारण:
-
नई शिक्षक भर्ती प्रक्रियाएं प्रभावित हो रही हैं
-
कई शिक्षक प्रमोशन और नियुक्ति से वंचित हैं
-
अभ्यर्थियों में भविष्य को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है
क्या जनवरी में यूपी-टीईटी होना संभव है?
शिक्षा विभाग से जुड़े जानकारों का मानना है कि:
-
आवेदन प्रक्रिया
-
परीक्षा केंद्रों की व्यवस्था
-
सुरक्षा और गोपनीयता के इंतजाम
जैसे अहम पहलुओं को देखते हुए जनवरी में यूपी-टीईटी आयोजित होना मुश्किल है। संभावना जताई जा रही है कि परीक्षा तिथियों में आगे बदलाव किया जा सकता है।
अभ्यर्थियों के लिए जरूरी सलाह
जो अभ्यर्थी यूपी-टीईटी की तैयारी कर रहे हैं, उन्हें चाहिए कि:
-
आधिकारिक वेबसाइट पर नजर बनाए रखें
-
अफवाहों से बचें
-
सिलेबस और पिछले वर्षों के प्रश्नपत्रों से तैयारी जारी रखें
निष्कर्ष
यूपी-टीईटी परीक्षा का आयोजन नए आयोग के लिए एक अग्निपरीक्षा साबित हो सकता है। पारदर्शिता और समयबद्धता के साथ परीक्षा आयोजित करना न केवल आयोग की साख बल्कि लाखों अभ्यर्थियों के भविष्य से भी जुड़ा है। अब सभी की निगाहें सरकार और आयोग के अगले आधिकारिक फैसले पर टिकी हैं।