यूपी बेसिक टीचर ट्रांसफर 2025: तबादला आदेश न मिलने से शिक्षक परेशान, शीतकालीन अवकाश से पहले आदेश की मांग तेज

 लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत कार्यरत प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षक इन दिनों तबादला आदेश जारी न होने से चिंतित हैं। शीतकालीन अवकाश नजदीक होने के बावजूद अभी तक पारस्परिक तबादले (Mutual Transfer) से संबंधित आदेश जारी नहीं किए गए हैं, जिससे शिक्षकों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है।


🔴 क्यों बढ़ रही है शिक्षकों की चिंता?

बेसिक शिक्षा विभाग में हर वर्ष पारस्परिक तबादला प्रक्रिया गर्मी और शीतकालीन अवकाश के दौरान की जाती है, ताकि शिक्षकों को बिना पढ़ाई प्रभावित किए स्थानांतरण की सुविधा मिल सके।
लेकिन इस बार अब तक:

  • जिले के अंदर तबादले के आदेश जारी नहीं हुए

  • जिले के बाहर स्थानांतरण की प्रक्रिया भी रुकी हुई है

  • शीतकालीन अवकाश से पहले समय बहुत कम बचा है

इसी वजह से शिक्षक परेशान हैं।


🤝 पारस्परिक तबादला क्या होता है?

पारस्परिक तबादले में दो शिक्षक आपसी सहमति से अपने विद्यालय बदलते हैं
इस प्रक्रिया में:

  • दोनों शिक्षकों की योग्यता और पद समान होना चाहिए

  • एक-दूसरे की जगह पर सहमति बनानी होती है

  • समय पर आदेश न मिलने पर प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाती

शिक्षकों का कहना है कि जोड़ा बनाने और दस्तावेज तैयार करने में समय लगता है, इसलिए आदेश जल्द आना बेहद जरूरी है।


📅 शीतकालीन अवकाश से पहले आदेश की मांग

शिक्षक संगठनों का कहना है कि अगर 30 दिसंबर से पहले तबादले के आदेश जारी नहीं हुए, तो शीतकालीन अवकाश के दौरान स्थानांतरण संभव नहीं हो पाएगा।
इससे:

  • शिक्षकों को अनावश्यक आर्थिक परेशानी होगी

  • परिवार से दूर रहकर नौकरी करनी पड़ेगी

  • मानसिक तनाव बढ़ेगा


🧑‍🏫 शिक्षकों के लिए क्यों जरूरी है समय पर ट्रांसफर?

✔ घर के नजदीक विद्यालय में कार्य करने का अवसर
✔ पारिवारिक और सामाजिक जिम्मेदारियों का संतुलन
✔ कार्यक्षमता और शिक्षण गुणवत्ता में सुधार
✔ विद्यालयों में स्थिर और सकारात्मक माहौल


📰 निष्कर्ष

यूपी के बेसिक विद्यालयों के शिक्षक चाहते हैं कि पारस्परिक तबादले की प्रक्रिया पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से पूरी हो। शीतकालीन अवकाश से पहले आदेश जारी होने पर हजारों शिक्षकों को राहत मिल सकती है। अब सभी की नजरें शिक्षा विभाग के अगले फैसले पर टिकी हैं।

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