ब्रिज कोर्स (Bridge Course) 2025 से जुड़े अभ्यर्थियों के लिए राहत भरी खबर है। आवेदन प्रक्रिया सुचारू रूप से चल रही है और तकनीकी समस्याओं को लेकर जरूरी स्पष्टीकरण सामने आया है। साथ ही बैक पेपर / अटेंप्ट को लेकर न्यायालय जाने की मांग भी तेज हो रही है।
ब्रिज कोर्स आवेदन प्रक्रिया पर ताजा स्थिति
अभ्यर्थियों के अनुसार फिलहाल:
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ब्रिज कोर्स की आधिकारिक वेबसाइट ठीक से कार्य कर रही है
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सभी अभ्यर्थी जल्द से जल्द आवेदन पूरा करें
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आवेदन के बाद इंचार्ज के OTP के माध्यम से फॉर्म वेरीफिकेशन अनिवार्य है
बिना वेरीफिकेशन के आवेदन अपूर्ण माना जा सकता है, इसलिए इस प्रक्रिया को नजरअंदाज न करें।
पेमेंट कट गया लेकिन अपडेट नहीं हुआ? जानिए क्या करें
कई अभ्यर्थियों ने शिकायत की है कि:
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पेमेंट कट गया है लेकिन स्टेटस अपडेट नहीं हुआ
इस संबंध में स्पष्ट किया गया है कि:
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ऐसे मामलों में कम से कम 72 घंटे का इंतजार करें
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अधिकतर मामलों में पेमेंट स्वतः अपडेट हो जाएगा
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जल्दबाजी में दोबारा भुगतान न करें
फॉर्म में गलती है? परेशान न हों
यदि किसी अभ्यर्थी के:
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फॉर्म में कोई जानकारी गलत भर गई है
तो घबराने की जरूरत नहीं है।
👉 25 तारीख के बाद करेक्शन विंडो खोली जाएगी, जिसमें:
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सभी अभ्यर्थी अपने फॉर्म में सुधार कर सकेंगे
बैक पेपर / अटेंप्ट को लेकर न्यायालय जाने की मांग
ब्रिज कोर्स कर रहे अभ्यर्थियों के बीच सबसे बड़ा मुद्दा:
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बैक पेपर / अतिरिक्त अटेंप्ट की अनुमति
अभ्यर्थियों का कहना है कि:
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सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित समय सीमा में
यदि कोई छात्र ब्रिज कोर्स सफलतापूर्वक पूरा नहीं कर पाता है,
तो उसकी नियुक्ति अमान्य (Invalid) हो सकती है
ऐसे में:
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बैक पेपर / अटेंप्ट की अनुमति अत्यंत महत्वपूर्ण विषय बन गया है
न्यायालय जाने पर सहमति की अपील
छात्र प्रतिनिधि अंशुमान सिंह की ओर से अभ्यर्थियों से अपील की गई है कि:
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यदि सभी साथी सहमत हों
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तो कुछ विशेष परिस्थितियों के आधार पर न्यायालय की शरण ली जाए
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और बैक पेपर / अटेंप्ट को लेकर राहत की मांग की जाए
अभ्यर्थियों के लिए जरूरी सलाह
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आवेदन और वेरीफिकेशन जल्द पूरा करें
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पेमेंट अपडेट के लिए 72 घंटे प्रतीक्षा करें
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25 के बाद करेक्शन का लाभ उठाएं
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बैक पेपर मुद्दे पर सामूहिक निर्णय लें
निष्कर्ष
ब्रिज कोर्स से जुड़े अभ्यर्थियों के लिए यह समय बेहद महत्वपूर्ण है। आवेदन प्रक्रिया, करेक्शन सुविधा और बैक पेपर को लेकर लिए जाने वाले फैसले भविष्य की नियुक्ति पर सीधा असर डाल सकते हैं। ऐसे में सभी छात्रों को एकजुट होकर सोच-समझकर कदम उठाने की जरूरत है।