उत्तर प्रदेश में कार्यरत B.Ed योग्य शिक्षकों के लिए ब्रिज कोर्स एक बेहद महत्वपूर्ण प्रक्रिया बन चुका है। इसे लेकर शिक्षकों के मन में परीक्षा, उपस्थिति, अवकाश, फॉर्म की गलतियां और पास होने की चिंता बनी रहती है। इस लेख में ब्रिज कोर्स से जुड़ी सभी जरूरी जानकारियां सरल भाषा में दी जा रही हैं।
ब्रिज कोर्स की परीक्षा कैसे होगी?
ब्रिज कोर्स की सब्जेक्टिव परीक्षा DIET (डायट) स्तर पर ऑफलाइन मोड में आयोजित की जाएगी। परीक्षा पूरी तरह लिखित होगी, जिससे तैयारी करने वाले शिक्षकों को स्पष्ट रणनीति बनाना आसान रहेगा।
अवकाश में भी दे सकते हैं परीक्षा
यदि कोई शिक्षक:
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मातृत्व अवकाश
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चिकित्सा अवकाश
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या अन्य वैध अवकाश
पर हैं, तो भी उन्हें सलाह दी जाती है कि समय निकालकर परीक्षा देकर पास हो जाएं। इससे केवल पेपर-6 (स्कूल एक्सपीरियंस) बचता है, जिसे अगले वर्ष पूरा करने में कोई बड़ी परेशानी नहीं होती।
20 दिनों का स्कूल एक्सपीरियंस: क्या-क्या करना होगा?
ब्रिज कोर्स के अंतर्गत 20 दिनों में 80% उपस्थिति अनिवार्य है। इस दौरान निम्न कार्य पूरे करने होंगे:
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📘 40 लेसन प्लान
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प्रत्येक विषय से 10-10
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📓 1 रिफ्लेक्टिव डायरी
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प्रतिदिन के अनुभव और नोट्स
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🎯 कुल 20 अंक
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लेसन प्लान और डायरी के लिए निर्धारित
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यह कार्य नियमितता से किया जाए तो आसानी से पूरे हो जाते हैं।
पहले से D.El.Ed या ब्रिज कोर्स कर चुके शिक्षक क्या करें?
जिन शिक्षकों ने:
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नियुक्ति से पहले ब्रिज कोर्स
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या नियुक्ति के बाद D.El.Ed
कर लिया है, उन्हें भी इस ब्रिज कोर्स के लिए आवेदन जरूर करना चाहिए। इससे:
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कोर्ट-कचहरी का झंझट कम होगा
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खर्च और कानूनी उलझन से बचाव होगा
फॉर्म में हुई गलतियों को जरूर अपडेट करें
फॉर्म भरते समय यदि कोई त्रुटि हुई हो तो उसे सुधारना न भूलें। खासकर ये विवरण सही हों:
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✔️ नाम
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✔️ विद्यालय का UDISE Code
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✔️ मोबाइल नंबर
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✔️ ई-मेल आईडी
डिक्लेरेशन की डेट (28-11-2023 या 11-08-2023), नाम या स्कूल नाम छूटने के कारण देश में अब तक किसी का फॉर्म रिजेक्ट नहीं हुआ है और न होगा।
फिर भी यदि आप मानसिक संतुष्टि के लिए कुछ करना चाहते हैं, तो:
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नया प्रिंट लें
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सभी विवरण सही भरें
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HM या ABSA से अटेस्ट करवा लें
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भविष्य में मांगे जाने पर सही वाला संलग्न कर दें
परीक्षा कितनी कठिन है? घबराने की जरूरत नहीं
जो शिक्षक:
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TET / Super TET
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बिना किसी जुगाड़ के 55–60% अंकों से पास कर चुके हैं
वे इस ब्रिज कोर्स में 40–45% अंक बहुत आसानी से ला सकते हैं।
इसके अलावा कई प्रकार के सपोर्ट सिस्टम भी उपलब्ध रहते हैं।
अगर फिर भी घबराहट हो तो:
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अपने जिले में
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संस्कृत या अंग्रेजी विषय के
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10-10 शिक्षकों का ग्रुप बना लें
यह समूह आगे चलकर काफी मददगार साबित होगा।
निष्कर्ष
ब्रिज कोर्स (B.Ed शिक्षक) डरने की नहीं बल्कि समझदारी से पूरी करने की प्रक्रिया है। सही जानकारी, समय प्रबंधन और आत्मविश्वास के साथ यह कोर्स हर शिक्षक आसानी से पास कर सकता है। अफवाहों से बचें और आधिकारिक निर्देशों पर भरोसा रखें।