प्रयागराज।
उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी-टीईटी) का आयोजन 29 और 30 जनवरी को होना फिलहाल मुश्किल नजर आ रहा है। शिक्षा विभाग से जुड़े सूत्रों के अनुसार, जनवरी में परीक्षा कराना आसान नहीं दिख रहा है। इसे लेकर शासन स्तर पर बैठक बुलाने की तैयारी है, जिसमें यूपी-टीईटी की नई तिथियों पर अंतिम निर्णय लिया जा सकता है।
गौरतलब है कि इससे पहले 28 नवंबर 2021 को यूपी-टीईटी का आयोजन किया गया था, लेकिन पेपर लीक के कारण परीक्षा को निरस्त कर दिया गया था। उस समय एडीजी कानून-व्यवस्था सत्यानंद चौधरी की ओर से 21 जनवरी 2022 को परीक्षा कराने की बात कही गई थी।
नई तारीखों पर मंथन, लेकिन सहमति नहीं
सूत्रों के अनुसार, यूपी-टीईटी की नई संभावित तारीखों पर मंथन हो चुका है, लेकिन अभी तक किसी एक तिथि पर सहमति नहीं बन पाई है। माना जा रहा है कि 29-30 जनवरी को परीक्षा कराना कई कारणों से व्यावहारिक नहीं होगा।
चुनावी प्रक्रिया बनी बड़ी बाधा
जनवरी के अंतिम सप्ताह में
-
चुनावी प्रक्रिया चरम पर होगी
-
शिक्षकों को चुनाव ड्यूटी में लगाना अनिवार्य होगा
-
ऐसे में लिखित परीक्षा के लिए पर्याप्त शिक्षक उपलब्ध कराना कठिन होगा
इसके साथ ही शिक्षक संगठनों के आंदोलन और छात्रों से जुड़े कार्यों में भी बड़ी संख्या में शिक्षक व्यस्त रह सकते हैं।
परीक्षार्थियों के लिए परिवहन भी चुनौती
सूत्रों का कहना है कि परीक्षा के दौरान
-
बसों की उपलब्धता
-
परीक्षार्थियों का आवागमन
-
सुरक्षा और प्रशासनिक व्यवस्थाएं
सुनिश्चित करना भी एक बड़ी चुनौती होगी, क्योंकि चुनाव के दौरान अधिकतर संसाधन उसी में लगाए जाते हैं।
शासन स्तर पर होगा अंतिम निर्णय
अब निगाहें शासन स्तर की बैठक पर टिकी हैं, जिसमें यह तय किया जाएगा कि
-
यूपी-टीईटी जनवरी में कराई जाए
-
या फिर परीक्षा की तारीख आगे बढ़ाई जाए
लाखों अभ्यर्थी इस फैसले का इंतजार कर रहे हैं, क्योंकि यूपी-टीईटी के बिना शिक्षक भर्ती प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकती।