लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व आदेश के क्रम में प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में तैनात बीएड योग्यता धारी शिक्षकों को छह महीने का ब्रिज कोर्स कराए जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस निर्णय से प्रदेश भर के लगभग 33 हजार शिक्षकों को बड़ी राहत मिलने जा रही है।
📌 सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पृष्ठभूमि
गौरतलब है कि परिषदीय विद्यालयों में कक्षा 1 से 5 के लिए बीएड योग्यता को पहले ही अमान्य कर दिया गया था।
इसी क्रम में सुप्रीम कोर्ट ने अंशुमान सिंह बनाम नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (NCTE) व अन्य मामले में 8 अप्रैल 2024 को महत्वपूर्ण आदेश जारी किया था।
न्यायालय ने अपने आदेश में स्पष्ट किया था कि वर्तमान में तैनात बीएड योग्यता धारी शिक्षकों को सेवा में बने रहने के लिए छह महीने का ब्रिज कोर्स कराना अनिवार्य होगा।
🏫 बेसिक शिक्षा निदेशक ने जारी किए निर्देश
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में बेसिक शिक्षा निदेशक प्रताप सिंह बघेल ने प्रदेश के सभी बीएसए (जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी) को निर्देश जारी किए हैं।
उन्होंने कहा है कि—
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बीएड योग्यता धारी शिक्षकों को
राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (NIOS) के माध्यम से
ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग (ODL) पद्धति से
छह महीने का ब्रिज कोर्स कराया जाएगा।
📝 25 दिसंबर तक रजिस्ट्रेशन अनिवार्य
निर्देशों के अनुसार—
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ब्रिज कोर्स के लिए 25 दिसंबर तक रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा
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निर्धारित समय पर कोर्स पूरा न करने वाले शिक्षकों की नियुक्ति अमान्य कर दी जाएगी
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इसके लिए संबंधित शिक्षक स्वयं जिम्मेदार होंगे
💰 शुल्क को लेकर असमंजस
विभागीय आंकड़ों के अनुसार इस निर्णय से प्रदेश में लगभग 33 हजार शिक्षक प्रभावित हैं।
वहीं शिक्षकों का कहना है कि—
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ब्रिज कोर्स का शुल्क लगभग 25 हजार रुपये निर्धारित है
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यह शुल्क विभाग द्वारा वहन किया जाएगा या नहीं, इस पर अभी स्पष्ट निर्देश जारी नहीं हुए हैं
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जबकि पूर्व में इस प्रकार के प्रशिक्षण का शुल्क विभाग द्वारा दिया जाता था
शिक्षक संगठनों ने मांग की है कि शुल्क संबंधी स्थिति जल्द स्पष्ट की जाए, ताकि शिक्षकों पर आर्थिक बोझ न पड़े।
🔍 प्रमुख बिंदु एक नजर में
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✔ सुप्रीम कोर्ट आदेश: 8 अप्रैल 2024
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✔ ब्रिज कोर्स अवधि: 6 महीने
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✔ संस्था: NIOS
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✔ मोड: ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग
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✔ रजिस्ट्रेशन अंतिम तिथि: 25 दिसंबर
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✔ प्रभावित शिक्षक: लगभग 33,000