लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने बीएड डिग्रीधारक प्राथमिक शिक्षकों के ब्रिज कोर्स से जुड़े मामले में राज्य सरकार को महत्वपूर्ण निर्देश दिया है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि याची शिक्षकों को अंतरिम रूप से ब्रिज कोर्स के लिए आवेदन करने की अनुमति दी जाए।
यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव सिंह की एकल पीठ ने पंकज शर्मा सहित 24 अन्य याचियों की ओर से दाखिल याचिका पर पारित किया। मामला राज्य सरकार द्वारा 6 अक्तूबर 2025 को जारी शासनादेश और 13 दिसंबर 2025 के आदेश से संबंधित है, जिसमें बीएड डिग्रीधारक सहायक अध्यापकों को छह माह के ब्रिज कोर्स में नामांकन करने का निर्देश दिया गया था। आदेश में यह भी कहा गया था कि प्रशिक्षण में आवेदन न करने पर सेवाएं समाप्त की जा सकती हैं।
याचियों के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि 13 दिसंबर के आदेश के माध्यम से ब्रिज कोर्स के लिए पंजीकरण की अंतिम तिथि 25 दिसंबर 2025 निर्धारित की गई थी। याचियों की ओर से दलील दी गई कि उन्होंने पहले ही राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (NIOS) से छह माह का ब्रिज कोर्स पूरा कर लिया है, जिसे वैध योग्यता के रूप में मान्यता दी जा चुकी है। ऐसे में दोबारा प्रशिक्षण कराना अनुचित है।
कोर्ट ने अगली सुनवाई की तिथि 9 जनवरी 2026 निर्धारित करते हुए स्पष्ट किया कि तब तक याचियों को अंतरिम रूप से ब्रिज कोर्स के लिए आवेदन करने की अनुमति दी जाए।