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उत्तर प्रदेश के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत एलटी ग्रेड महिला संवर्ग की शिक्षिकाओं की प्रवक्ता पद पर प्रोन्नति पिछले कई वर्षों से अधर में लटकी हुई है। स्थिति यह है कि दर्जनों शिक्षिकाएं बिना पदोन्नति के ही सेवानिवृत्त हो चुकी हैं, जबकि विभागीय स्तर पर लगातार पत्राचार किया जा रहा है।
दो साल में कई बार मांगी गई वरिष्ठता और गोपनीय आख्या
शिक्षा निदेशालय की ओर से मंडल और जिला स्तर के अधिकारियों को पिछले ढाई वर्षों में कई बार गोपनीय आख्या (ACR) भेजने के लिए पत्र लिखे गए, लेकिन अब तक पूर्ण विवरण उपलब्ध नहीं कराया गया।
अपर शिक्षा निदेशक (राजकीय) अजय कुमार द्विवेदी ने छठवीं बार पत्र जारी करते हुए 25 दिसंबर 2025 तक गोपनीय आख्या उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।
नहीं मिली गोपनीय आख्या, प्रोन्नति में हो रही देरी
एडी राजकीय ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि:
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जिन शिक्षिकाओं की गोपनीय आख्या समय से नहीं भेजी जाती
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उसके लिए जिम्मेदार कर्मचारी/अधिकारी के खिलाफ
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कारण सहित कार्रवाई प्रस्ताव भेजा जाए
ताकि शासन को स्थिति से अवगत कराया जा सके।
गौरतलब है कि शिक्षा निदेशालय द्वारा:
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11 जुलाई 2023
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20 जुलाई 2023
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16 मई 2024
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10 जून 2024
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30 सितंबर 2024
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और अब 12 दिसंबर 2025
को पत्र भेजे जा चुके हैं, फिर भी प्रोन्नति प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है।
1883 शिक्षिकाओं की सूची, कई हो चुकीं सेवानिवृत्त
प्रोन्नति के लिए जो 1883 शिक्षिकाओं की सूची भेजी गई थी, उनमें से कई शिक्षिकाएं अब सेवानिवृत्त हो चुकी हैं। विभागीय देरी के कारण उन्हें प्रवक्ता पद का लाभ नहीं मिल पाया।
बिना पदोन्नति से सेवानिवृत्त हुईं शिक्षिकाएं
विभिन्न जिलों से ऐसी कई शिक्षिकाएं सामने आई हैं, जो प्रोन्नति की प्रतीक्षा में ही रिटायर हो गईं। इनमें ललितपुर, पीलीभीत, बरेली, बस्ती, बिजनौर, बागपत, गाजियाबाद, प्रतापगढ़, फतेहपुर, प्रयागराज, सहारनपुर, बहराइच, वाराणसी, गाजीपुर, बाराबंकी, मैनपुरी, फिरोजाबाद, आगरा, मथुरा, गोरखपुर, रायबरेली, लखनऊ, सीतापुर, हरदोई, उन्नाव सहित कई जिलों की शिक्षिकाएं शामिल हैं।
शिक्षिकाओं में नाराजगी, सवालों के घेरे में विभाग
लगातार हो रही देरी से:
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महिला शिक्षिकाओं में गहरी नाराजगी
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विभागीय कार्यप्रणाली पर सवाल
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समय पर प्रोन्नति न मिलने से आर्थिक व मानसिक नुकसान
जैसी समस्याएं सामने आ रही हैं।
निष्कर्ष
एलटी ग्रेड महिला संवर्ग की प्रवक्ता पद पर प्रोन्नति अब केवल प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि न्याय और सम्मान से जुड़ा विषय बन चुकी है। यदि समय रहते गोपनीय आख्या और वरिष्ठता सूची का निस्तारण नहीं हुआ, तो और भी शिक्षिकाएं बिना पदोन्नति के सेवानिवृत्त होती रहेंगी।