उत्तर प्रदेश के विद्यालयों में प्रभार और सीनियरिटी निर्धारण के लिए शासन ने स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं। ये नियम अंतर्जनपदीय, जनपदीय, अपर प्राइमरी और कंपोजिट विद्यालयों में लागू होते हैं।
1️⃣ अंतर्जनपदीय स्थानांतरण केस
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यदि दो शिक्षक एक साथ अंतर्जनपदीय स्थानांतरण लेकर एक ही जनपद में सेवा दे रहे हैं, तो उनकी सीनियरिटी मौलिक नियुक्ति (DOB) और नाम के अल्फाबेट के आधार पर तय होगी।
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यदि दो या अधिक शिक्षक अलग-अलग बैच में स्थानांतरण लेकर एक ही जनपद में सेवा दे रहे हैं, तो उनकी सीनियरिटी सचिव, बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा जारी पत्र के दिनांक से निर्धारित होगी।
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नोट: ऐसे विद्यालय जहाँ अंतर्जनपदीय और मूल जनपद के शिक्षक साथ में कार्यरत हैं, वहाँ मौलिक जनपद में कार्यरत शिक्षक को वरीयता दी जाएगी यदि उसकी मौलिक नियुक्ति ट्रांसफर होने की तिथि से पहले की है।
2️⃣ जनपदीय केस
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यदि दो या अधिक शिक्षक एक ही बैच से नियुक्त हैं, तो सीनियरिटी मौलिक नियुक्ति, चयन गुणांक, DOB के आधार पर होगी।
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यदि दो या अधिक शिक्षक अलग-अलग बैच से नियुक्त हैं, तो सीनियरिटी मौलिक नियुक्ति से तय की जाएगी।
3️⃣ अपर प्राइमरी केस
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यदि दो या अधिक शिक्षक एक साथ नियुक्त हैं, तो सीनियरिटी मौलिक नियुक्ति, चयन गुणांक, DOB के आधार पर होगी।
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अलग-अलग बैच के शिक्षक मौलिक नियुक्ति के आधार पर जूनियर/सीनियर माने जाएंगे।
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यदि उदाहरण के लिए, दो शिक्षक 2004 में नियुक्त हैं और एक का प्रमोशन 2007 में, दूसरे का 2009 में होता है, तो वरिष्ठता मौलिक नियुक्ति, चयन गुणांक, DOB और नाम के अल्फाबेट से तय होगी।
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गणित और विज्ञान में नियुक्त शिक्षक, प्रमोशन से आए शिक्षक की तुलना में जूनियर माने जाएंगे।
4️⃣ कंपोजिट विद्यालय
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PS के सहायक शिक्षक की सीनियरिटी, PS के अन्य सहायक से तय होगी।
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UPS के सहायक शिक्षक की सीनियरिटी, UPS के अन्य सहायक और प्राइमरी के हेड से तय की जाएगी।