चंदौली समाचार | शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश
नियामताबाद ब्लॉक के गांव भिसौड़ी स्थित एक परिषदीय विद्यालय में बृहस्पतिवार को उस समय विवाद की स्थिति बन गई, जब प्रधानाध्यापिका और सहायक अध्यापकों के बीच तीखी नोकझोंक हो गई। इस घटना के बाद विद्यालय का माहौल काफी देर तक तनावपूर्ण बना रहा।
🏫 क्या है पूरा मामला?
विद्यालय की प्रधानाध्यापिका सुचिता पांडे सुबह निर्धारित समय पर स्कूल पहुंचीं और प्रार्थना सभा के लिए बच्चों को एकत्रित कर रही थीं। उनका आरोप है कि इस दौरान कुछ सहायक अध्यापक एवं एक अध्यापिका प्रार्थना सभा और राष्ट्रगान के समय आपस में बातचीत कर रहे थे।
प्रधानाध्यापिका द्वारा टोकने पर कथित रूप से शिक्षकों ने अभद्र व्यवहार किया और अशोभनीय टिप्पणियां कीं।
👨🏫 सहायक अध्यापक का पक्ष
वहीं सहायक अध्यापक अविनाश सिंह ने प्रधानाध्यापिका के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वे बच्चों को कक्षा में पढ़ाई के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातें याद करा रहे थे। इसी दौरान प्रधानाध्यापिका ने उनसे बदतमीजी भरे लहजे में बात की।
उन्होंने बच्चों के सामने विवाद न करने का अनुरोध किया, लेकिन प्रधानाध्यापिका ने इस पर ध्यान नहीं दिया।
🏛️ शिक्षा विभाग की प्रतिक्रिया
मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) सचिन कुमार ने बताया कि—
“दोनों पक्षों से स्पष्टीकरण मांगा गया है। मामले की जांच खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) द्वारा कराई जाएगी। जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।”
📌 निष्कर्ष
विद्यालयों में अनुशासन और सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाए रखना बेहद जरूरी है। इस तरह की घटनाएं न केवल शिक्षण व्यवस्था को प्रभावित करती हैं, बल्कि छात्रों पर भी नकारात्मक असर डालती हैं। अब सभी की निगाहें शिक्षा विभाग की जांच रिपोर्ट पर टिकी हैं।