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उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत महिला अनुदेशकों ने शिक्षामित्रों की तर्ज पर ससुराल के नजदीकी स्कूलों में तबादले की सुविधा देने की मांग की है। इस मांग को लेकर अनुदेशक संघ और शिक्षामित्र संघ का एक संयुक्त प्रतिनिधिमंडल सोमवार को बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री संदीप सिंह से मिला।
स्वतः नवीनीकरण और तबादले की मांग
विधान परिषद सदस्य श्रीचंद शर्मा के साथ पहुंचे प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री को अवगत कराया कि महिला अनुदेशकों को पारिवारिक परिस्थितियों के कारण दूरस्थ विद्यालयों में कार्य करना पड़ता है, जिससे उन्हें कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
प्रतिनिधिमंडल ने प्रमुख रूप से निम्न मांगें रखीं:
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अनुदेशकों का स्वतः (ऑटो) नवीनीकरण
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वर्ष में 14 आकस्मिक अवकाश (EL) का लाभ
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जिले के अंदर स्थानांतरण की सुविधा
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महिला अनुदेशकों को ससुराल के पास स्कूल में तैनाती
कैशलेस चिकित्सा सुविधा पर जताया आभार
प्रतिनिधिमंडल ने हाल ही में अनुदेशकों को कैशलेस चिकित्सा सुविधा में शामिल किए जाने पर राज्य मंत्री का आभार भी व्यक्त किया। इसे अनुदेशकों के लिए एक सकारात्मक और राहत भरा कदम बताया गया।
कई जनप्रतिनिधि व संगठन पदाधिकारी रहे मौजूद
इस मुलाकात में विधायक हरिओम वर्मा, शिक्षामित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष शिव कुमार शुक्ला, महामंत्री सुशील, राजेंद्र सिंह पचेहरा, अजय सिंह, तेजभान, कौशल सिंह, अरविंद वर्मा, गंगादीन और मनीराम सहित अन्य पदाधिकारी शामिल रहे।
महिला अनुदेशकों की समस्याओं पर ध्यान की जरूरत
महिला अनुदेशकों का कहना है कि:
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पारिवारिक जिम्मेदारियों के चलते दूरस्थ विद्यालयों में कार्य करना कठिन
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तबादले की सुविधा न होने से मानसिक और आर्थिक दबाव
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शिक्षामित्रों को यह सुविधा मिलने से समानता की मांग
निष्कर्ष
महिला अनुदेशकों की यह मांग न केवल समानता और मानवीय आधार से जुड़ी है, बल्कि इससे कार्यक्षमता और शिक्षा व्यवस्था दोनों में सुधार हो सकता है। अब सभी की नजरें राज्य सरकार के निर्णय पर टिकी हैं कि इन मांगों पर कब और क्या ठोस कदम उठाया जाता है।