लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने एक अहम प्रशासनिक फैसला लेते हुए पूर्व पुलिस महानिदेशक (DGP) प्रशांत कुमार को उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग (UPESSC) का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। इस नियुक्ति को प्रदेश में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में सुधार और पारदर्शिता की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को मिलेगी नई दिशा
यूपी शिक्षा सेवा चयन आयोग लंबे समय से विभिन्न शिक्षक भर्तियों को लेकर चर्चा में रहा है। ऐसे में प्रशासनिक अनुभव से भरपूर अधिकारी को आयोग की जिम्मेदारी सौंपे जाने से:
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भर्ती प्रक्रियाओं में तेजी आने की उम्मीद है
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चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित हो सकती है
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लंबित भर्तियों के समयबद्ध निस्तारण का रास्ता साफ होगा
प्रशांत कुमार का प्रशासनिक अनुभव बनेगा आधार
पूर्व डीजीपी प्रशांत कुमार को:
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कठोर प्रशासनिक अनुशासन
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पारदर्शी कार्यशैली
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जवाबदेही तय करने का अनुभव
के लिए जाना जाता है। सरकार का मानना है कि उनका यह अनुभव अब शिक्षा सेवा चयन आयोग के संचालन में प्रभावी भूमिका निभाएगा।
अभ्यर्थियों को राहत की उम्मीद
आयोग से जुड़ी भर्तियों को लेकर लंबे समय से अभ्यर्थियों में असंतोष देखने को मिल रहा था। नई नियुक्ति के बाद:
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शिक्षक अभ्यर्थियों को न्यायसंगत और पारदर्शी चयन प्रक्रिया की उम्मीद
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भर्ती कैलेंडर को व्यवस्थित करने पर जोर
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परीक्षाओं और परिणामों में अनावश्यक देरी कम होने की संभावना
सरकार की मंशा स्पष्ट
यह नियुक्ति दर्शाती है कि राज्य सरकार:
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शिक्षा व्यवस्था में सुधार चाहती है
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शिक्षक भर्तियों को संवेदनशील और प्राथमिक विषय मानती है
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प्रशासनिक दक्षता के माध्यम से विश्वास बहाल करना चाहती है
निष्कर्ष
पूर्व डीजीपी प्रशांत कुमार की यूपी शिक्षा सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति से शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में नया भरोसा जगा है। अब सभी की नजर इस बात पर है कि आने वाले समय में आयोग किस तरह से लंबित भर्तियों और अभ्यर्थियों की समस्याओं का समाधान करता है।