लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षित सहायक शिक्षकों को सीटेट (केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा) आवेदन में बड़ी राहत मिलने जा रही है। अब इन शिक्षकों को उनके विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण के पूर्णांक और प्राप्तांक उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे सीटेट आवेदन के दौरान आ रही पात्रता संबंधी समस्या का समाधान हो सकेगा।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश से स्पष्ट हुई स्थिति
सुप्रीम कोर्ट के शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट/सीटेट) उत्तीर्ण करने की अनिवार्यता से जुड़े आदेश के क्रम में यह स्पष्ट किया गया है कि विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण एनसीटीई से मान्यता प्राप्त है और यह प्रशिक्षण आरटीई अधिनियम लागू होने से पहले कराया गया था। ऐसे में इस प्रशिक्षण के आधार पर नियुक्त शिक्षकों को सीटेट आवेदन से वंचित नहीं किया जा सकता।
एससीईआरटी ने भेजा परीक्षा नियामक को पत्र
इस संबंध में राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने परीक्षा नियामक प्राधिकारी, प्रयागराज को पत्र भेजा है। पत्र में कहा गया है कि—
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विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण उत्तीर्ण अभ्यर्थी वर्तमान में
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत हैं -
इसलिए सीटेट आवेदन के लिए उनके प्रशिक्षण के पूर्णांक और प्राप्तांक उपलब्ध कराना अनिवार्य है
एससीईआरटी ने यह भी अनुरोध किया है कि प्रदेश के सभी जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) को निर्देश जारी किए जाएं, ताकि संबंधित शिक्षकों को समय पर अंकपत्र उपलब्ध कराए जा सकें और वे बिना किसी बाधा के सीटेट आवेदन कर सकें।
सीटेट 2026 में आवेदन बना था बड़ी समस्या
अब तक प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत बीएड योग्यताधारी सहायक अध्यापकों के लिए सीटेट 2026 में आवेदन करना बड़ी चुनौती बना हुआ था। नियुक्ति के समय एनसीटीई के प्रावधानों के तहत इन शिक्षकों को छह माह का मान्यताप्राप्त विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण कराया गया था और इसके प्रमाणपत्र भी जारी किए गए थे।
इसके बावजूद सीबीएसई द्वारा जारी सीटेट फरवरी 2026 की सूचना पुस्तिका में प्राथमिक स्तर (कक्षा 1 से 5) के लिए ऑनलाइन आवेदन विकल्पों में छह माह के विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण का कोई उल्लेख नहीं किया गया था। इसी कारण ये शिक्षक प्रश्नपत्र-1 के लिए आवेदन नहीं कर पा रहे थे।
परीक्षा नियामक ने मांगा मार्गदर्शन
इस स्थिति को लेकर परीक्षा नियामक प्राधिकारी, प्रयागराज ने एससीईआरटी से मार्गदर्शन मांगा था, ताकि आगे किसी भी प्रकार की कानूनी या तकनीकी अड़चन न आए। इस पर एससीईआरटी के निदेशक गणेश कुमार ने स्पष्ट किया कि परिषद के सर्विस रूल में विशिष्ट बीटीसी का स्पष्ट उल्लेख दर्ज है।
हजारों शिक्षकों को मिलेगा सीधा लाभ
इस निर्णय से प्रदेश के हजारों ऐसे सहायक अध्यापकों को राहत मिलेगी, जो वर्षों से प्राथमिक विद्यालयों में सेवाएं दे रहे हैं लेकिन तकनीकी कारणों से सीटेट आवेदन नहीं कर पा रहे थे। अब अंकपत्र उपलब्ध होने के बाद वे सीटेट 2026 के लिए बिना बाधा आवेदन कर सकेंगे।