लेखक: पंकज सिंह (मुख्य पैरोकार – नगर विस्तार आंदोलन)
मुहब्बत रब की नेमत है, मुहब्बत धर्म है अपना
हमें नफ़रत नहीं आती, अदावत हम नहीं करते
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जनपद में नगर विस्तार में शामिल शिक्षकों के अधिकारों की यह कहानी संघर्ष, धैर्य और अंततः न्याय की मिसाल बन चुकी है। वर्षों से चली आ रही प्रशासनिक अनदेखी के बाद माननीय उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप से शिक्षकों को उनका वैध अधिकार प्राप्त हुआ।
🔴 नगर विस्तार विवाद की शुरुआत (2024)
वर्ष 2024 में जारी शिक्षक समायोजन आदेश के बाद यह विवाद सामने आया, जब उन शिक्षकों को भी समायोजन सूची में डाल दिया गया—
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जिनके विद्यालय पहले ही
नगर विकास विभाग, उत्तर प्रदेश शासन के आदेशों के माध्यम से
नगर निगम गोरखपुर की सीमा में शामिल हो चुके थे।
📜 प्रमुख शासनादेश
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शासनादेश संख्या 2154/नौ-7-19-02
📅 17 दिसंबर 2019 — 31 राजस्व ग्राम -
शासनादेश संख्या 1147/नौ-7-20-1051/2022(आर)
📅 20 दिसंबर 2022 — 1 राजस्व ग्राम
➡️ कुल 32 राजस्व ग्राम (चरगांवा व खोराबार)
➡️ 33 परिषदीय विद्यालय नगर निगम गोरखपुर में शामिल
🏢 शासन स्तर पर पत्राचार लेकिन निर्णय शून्य
सचिव, बेसिक शिक्षा परिषद, उत्तर प्रदेश द्वारा—
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04/11/2020
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08/10/2021
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12/04/2022
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21/11/2022
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22/02/2024
कुल 5 बार जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों से सूचना मांगी गई।
👉 बीएसए गोरखपुर ने समय से
हार्ड कॉपी + सॉफ्ट कॉपी (Excel Sheet) उपलब्ध कराई,
लेकिन इसके बावजूद कोई ठोस आदेश जारी नहीं हुआ।
🏛️ जनप्रतिनिधियों ने सदन में उठाया मुद्दा
नगर विस्तार प्रकरण को विधान परिषद में उठाने वाले प्रमुख जनप्रतिनिधि—
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माननीय एमएलसी ध्रुव नारायण त्रिपाठी जी
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माननीय एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह जी
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माननीय एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह जी
इसके बावजूद प्रशासनिक स्तर पर निर्णय लंबित रहा।
⚖️ हाईकोर्ट में न्याय की लड़ाई
जब सभी रास्ते बंद हो गए, तब पंकज सिंह के नेतृत्व में शिक्षकों ने न्यायालय की शरण ली—
🔹 प्रमुख याचिकाएं
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Writ A No. 5321/2024
(राघव प्रसाद पांडे, आरती सिंह व अन्य) -
एक अन्य याचिका — रश्मि दीक्षित
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Writ A No. 12629/2024 (इलाहाबाद)
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Writ A No. 16005/2024 (कैडर परिवर्तन)
🧑⚖️ 17 अक्टूबर 2024: ऐतिहासिक आदेश
माननीय उच्च न्यायालय, लखनऊ ने स्पष्ट आदेश दिया—
✔️ 3 दिन में शिक्षकों से विकल्प लिया जाए
✔️ 7 दिन के भीतर नगर कैडर में सम्मिलित किया जाए
इसके बावजूद आदेश का अनुपालन नहीं हुआ, जिससे Contempt Case दाखिल करना पड़ा।
🔔 अंतिम जीत: 19 दिसंबर 2025
Contempt Case: Aarti Singh vs Secretary Basic Education (CAPL 4713/2024)
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माननीय न्यायालय ने सचिव को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया
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18.12.2025 को अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत की गई
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19.12.2025 को न्यायालय ने माना कि
कोर्ट आदेश का पूर्ण अनुपालन हो चुका है
➡️ अवमानना याचिका समाप्त
➡️ शिक्षकों को न्याय मिला
🎉 इस फैसले का लाभ किन्हें मिला?
✅ केवल याचिकाकर्ताओं को नहीं
✅ बल्कि गोरखपुर जनपद के समस्त प्रभावित अध्यापकों को
✅ और भविष्य में नगर विस्तार में आने वाले शिक्षकों को भी
अब कोई समायोजन भ्रम या मानसिक तनाव नहीं रहेगा।
🙏 विशेष आभार
इस संघर्ष में सहयोग देने वाले—
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वरिष्ठ अधिवक्ता श्री अमरेंद्र नाथ त्रिपाठी जी
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श्री डी.पी. शुक्ला जी
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श्री अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी जी
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साथी शिक्षक:
राहुल पांडेय, निर्भय सिंह, आनंद यादव, निखिलेश यादव
🎊 बधाई संदेश
नगर विस्तार परिसीमन में शामिल समस्त अध्यापक बंधुओं को हार्दिक बधाई।
यह जीत संविधान, एकता और धैर्य की जीत है।
✍️ पंकज सिंह
मुख्य पैरोकार – नगर विस्तार आंदोलन