नई दिल्ली। हाल के दिनों में आयकर विभाग ने बड़ी संख्या में करदाताओं को SMS और ई-मेल अलर्ट भेजे हैं। इनमें बताया गया है कि उनकी आयकर रिटर्न (ITR) में दी गई जानकारी और विभाग के पास मौजूद आंकड़ों में मेल नहीं खा रहा है।
इस कारण कई मामलों में टैक्स रिफंड रोका गया है, जिससे करदाताओं में यह भ्रम फैल गया है कि क्या सभी को दोबारा आयकर रिटर्न भरनी होगी।
क्या यह नोटिस या जुर्माने की चेतावनी है?
टैक्स विशेषज्ञों के मुताबिक,
➡️ यह कोई नोटिस नहीं है
➡️ कोई पेनल्टी या जुर्माने की चेतावनी नहीं है
यह केवल एक सावधानी संदेश (Intimation Message) है, ताकि करदाता समय रहते अपनी गलती सुधार सकें।
किसे घबराने की जरूरत नहीं है?
यदि आपने:
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आय सही-सही दिखाई है
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निवेश और कटौती के प्रमाण मौजूद हैं
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टैक्स भुगतान में कोई गड़बड़ी नहीं है
तो आपको घबराने की कोई जरूरत नहीं। ऐसे मामलों में रिफंड केवल वेरिफिकेशन के कारण रुका हो सकता है।
31 दिसंबर की समयसीमा क्यों है बेहद अहम?
आयकर कानून के अनुसार:
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31 दिसंबर तक संशोधित आयकर रिटर्न (Revised ITR) दाखिल की जा सकती है
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इसके बाद गलती सुधारने का मौका सीमित हो जाता है
यही कारण है कि विभाग पहले ही करदाताओं को अलर्ट भेज रहा है।
करदाताओं को क्या करना चाहिए? (Step by Step)
✔️ अपनी ITR को AIS और Form 26AS से मिलान करें
✔️ आय, निवेश और कटौती से जुड़े सभी दस्तावेज जांचें
✔️ गलती मिले तो 31 दिसंबर से पहले Revised ITR दाखिल करें
✔️ अगर कोई गलती नहीं है, तो जल्दबाजी में बदलाव न करें
कब जरूरी है संशोधित आयकर रिटर्न दाखिल करना?
इन स्थितियों में Revised ITR दाखिल करना जरूरी है 👇
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ITR में दावा की गई कटौती AIS या Form 26AS में नहीं दिख रही हो
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ब्याज, वेतन, लाभांश या अन्य आय कम या गलत दिखाई गई हो
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दान या निवेश में PAN या राशि गलत भर दी गई हो
ऐसी गलती सुधारने से:
✅ रिफंड जल्दी मिलेगा
✅ भविष्य में नोटिस या जांच से बचाव होगा
निष्कर्ष (Conclusion)
आयकर विभाग का यह संदेश डराने के लिए नहीं, बल्कि गलती सुधारने का अवसर देने के लिए है।
यदि आपकी जानकारी सही है, तो चिंता न करें।
अगर अनजाने में चूक हो गई है, तो 31 दिसंबर से पहले संशोधित ITR जरूर दाखिल करें।