Important Posts

Advertisement

TET की अनिवार्यता को लेकर संसद में गूंजा मुद्दा

 नई दिल्ली। राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने मंगलवार को शून्यकाल के दौरान अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दे को उठाते हुए सरकार को इससे उत्पन्न हालात पर गंभीरता से विचार करने का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि न्यायालय के निर्देशानुसार 1 सितंबर 2025 से सभी परिषदीय शिक्षकों, यहां तक कि पहले से नियुक्त शिक्षकों के लिए भी टीईटी अनिवार्य कर दी गई है।


प्रमोद तिवारी ने चेतावनी दी कि इस निर्णय का व्यापक असर पड़ेगा। केवल उत्तर प्रदेश में ही करीब दो लाख प्राथमिक शिक्षक, जबकि पूरे देश में लगभग 25 लाख शिक्षक इस आदेश से प्रभावित होंगे। उन्होंने कहा कि इस अनिवार्यता ने शिक्षकों में भ्रम, मानसिक दबाव और अपनी सेवा को लेकर असुरक्षा की स्थिति पैदा कर दी है।

उन्होंने स्पष्ट कहा कि वर्षों से कार्यरत शिक्षकों पर नई शर्तें थोपना अनुचित और अन्यायपूर्ण है। सरकार को चाहिए कि वह इस विषय पर आवश्यक कानूनी या नीतिगत संशोधन करे, ताकि लाखों शिक्षकों का भविष्य सुरक्षित रह सके और देश की विद्यालयी शिक्षा व्यवस्था किसी संकट से न जूझे।

UPTET news