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UPESSC News: परीक्षा में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए आयोग यूपीपीएससी के दिशा‑निर्देश अपनाएगा

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग (UPESSC) अब अपनी परीक्षाओं में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) और शासन द्वारा जारी परीक्षा संबंधी दिशा‑निर्देशों को अपनाएगा।

आयोग ने डिजिटल लॉकर और अन्य आधुनिक तकनीकी उपायों के माध्यम से परीक्षा संचालन में सुधार की योजना बनाई है।


📌 प्रश्नपत्र की सुरक्षा और शुचिता के लिए नए कदम

UPESSC ने परीक्षा की शुचिता बनाए रखने के लिए कई सख्त इंतजाम किए हैं। प्रमुख सुधार और दिशा‑निर्देश इस प्रकार हैं —

🔐 प्रश्नपत्र डिजिटल लॉकर में सुरक्षित

सुरक्षा उपायों के तहत प्रश्नपत्रों को डिजिटल लॉकर में स्टोर किया जाएगा, ताकि पेपर लीक और असंगत पहुँच जैसी घटनाओं को रोका जा सके।

🎯 परीक्षा केंद्रों का चयन कड़ी शुचिता के साथ

प्रश्नपत्र और परीक्षा केंद्र के निर्धारण में कड़ी व्यवस्था और मानक अपनाए जाएंगे।

🧠 एआई‑सक्षम निगरानी

आयोग आधुनिकतम कंट्रोल रूम स्थापित कर रहा है, जिसमें एआई तकनीक के माध्यम से परीक्षा के दौरान हर गतिविधि पर निगरानी रखी जाएगी। इससे परीक्षा केंद्र परिसर में होने वाली अनियमित गतिविधियों पर तुरंत अलर्ट मिलेगा।


📍 यूपीपीएससी के दिशा‑निर्देश क्यों जरूरी?

यह कदम यूपीपीएससी द्वारा हाल ही में लीक हुए पेपर और परीक्षा संचालन में सुधार के लिए तैयार किए गए दिशा‑निर्देशों के बाद उठाया गया है। यूपीपीएससी के मानकों को अपनाकर UPESSC अपनी परीक्षाओं की गुणवत्ता, सुरक्षा और अभ्यर्थियों का विश्वास मजबूत करना चाहता है।


🧑‍🏫 आयोग अध्यक्ष ने किया मार्गदर्शन

UPESSC के नए अध्यक्ष प्रशांत कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में परीक्षा प्रक्रियाओं का गहन विश्लेषण किया गया और नए नियमावली के निर्माण पर सहमति बनी। इससे आयोग की भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता और निष्पक्षता बढ़ेगी तथा अभ्यर्थियों का भरोसा मजबूत होगा।


📊 टीजीटी‑पीजीटी समेत रिक्त पदों पर भी नजर

माध्यमिक विद्यालयों में टीजीटी और पीजीटी सहित अन्य शिक्षकों के हजारों रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया भी UPESSC के संचालन के तहत तेजी से आगे बढ़ेगी। वर्तमान में टीजीटी के 24,515 और पीजीटी के 6,261 रिक्त पद हैं, जिन पर जल्द ही भर्ती की उम्मीद जताई जा रही है।


🧠 निष्कर्ष

UPESSC द्वारा UPPSC के दिशा‑निर्देशों को अपनाना एक सकारात्मक कदम है जो —

✔️ परीक्षा संचालन में पारदर्शिता और सुरक्षा बढ़ाएगा
✔️ प्रश्नपत्र लीक जैसी समस्याओं को रोकेगा
✔️ आयोग की परीक्षा प्रक्रिया को मजबूत बनाएगा

इससे अभ्यर्थियों को भरोसा मिलेगा कि भर्ती प्रक्रिया निष्पक्ष और वैज्ञानिक मानकों के अनुसार होगी।

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