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बचत का महा तरीका - एसआईपी !!!! SIP in Hindi

दोस्तों धन की आवश्यकता किसे नहीं होती? हम सब मेहनत करते है, कोई दूकान जाता है, कोई आॅफिस जाता है, कोई खेत जाता है, कोई मजदूरी पर जाता है, जाते सब अलग अलग जगह है पर उद्देश्य सिर्फ एक होता है- पैसे कमाना! हां, Money हमारी जरूरत है। इसे कमाना चाहिए और कम नहीं अधिक से अधिक लेकिन वह भी वैध तरीके से। पिछले लेख में मैनें Passive Income के बारे में आपको कुछ जानकारी बताई थी, इसी कड़ी में बचत का एक तरीका नहीं महातरीका, मैं आपके लिए लेकर आया हूं। दोस्तों आप सबकी तरह मैं भी पैसे बचाने के लिए नेट पर इधर उधर तरीके खोजता रहा हूं। चूंकि मैं खुद बैकिंग सेक्टर में हूं, इसलिए मेरी इसमें समझ आसानी से हो गई है कि पैसे बचाने के लिए कौनसी स्कीम ज्यादा फायदा दे सकती है? बाजार में ऐसी बहुत सी स्कीम है जो हमारे निवेश किये गए धन पर बहुत अच्छा ब्याज देती है, और SIP उनमें से एक हैं।

क्या है एसआईपी सिप- 

एसआईपी का मतलब है Systematic Investment Plan अर्थात् व्यवस्थित निवेश योजना। विशेषज्ञों का यह मानना है कि बाजार में भारी उतार- चढाव के चलते निवेशकों के लिए इक्विटी यानी शेयर बाजार में निवेश के लिए सुनियोजित निवेश योजना SIP बेहतर जरिया माना जा सकता है। यह एक ऐसी वित्तीय नीति है जिसमें एक किस्त की निश्चित राशि एक स्कीम में नियमित रूप से निवेश की जाती है। ये आपकों Share Market में सीधे बड़ी राशि निवेश करने के बदले Mutual Funds में कम अवधि का निवेश करने की आजादी देता है।
SIP में आप हर महीने एक निश्चित राशि से किसीं कंपनी के फंड में निवेश कर Units खरीदते जाते है, उदाहरण किसी कंपनी के फंड का एनएवी 10 रूं है तों 1000 रू निवेश के बदले आपकों 100 यूनिट आपके खाते में प्राप्त हो जाएगी। जब आप स्कीम से बाहर निकलना चाहे तो अपनी Units को उस समय के बाजार भाव पर बेचकर मुनाफा प्राप्त कर सकते है।
कैसे है एसआईपी फायदेमंद- दोस्तों एक सिद्धांत है कि पैसा कभी नहीं सोता है। और यह सिद्धांत एसआईपी पर पूरी तरह से लागू होता है। एसआईपी दरअसल रूपये की जुड़ते रहने की शक्ति पर आधारित है। यह मुख्यतः शेयरों में निवेश के लिए जानी जाती है। एसआईपी के माध्यम से आप अपने भविष्य के खर्चों को आसानी से हैंडल कर सकते है।

एसआईपी के मुख्य फायदे- 

दोस्तों आप स्वंय देखें एसआईपी के कितने फायदे है-
1. छोटा निवेश Small Investment- चूंकि इसमें निश्चित अंतराल पर नियमित रूप से एक निश्चित राशि का निवेश करना होता है, इसलिए निवेश के लिए राशि निकाल पाना आसान होता है। छोटी छोटी राशि को आप लंबे समय तक निवेश करके एक बड़ी रकम प्राप्त कर सकते है। जैसे 10 प्रतिशत ब्याज रिटर्न की दर से आप हर महीने 1000 रू निवेश करके 15 सालों में 414,470 रू प्राप्त कर सकते है जबकि आपने 1,80,000 रू ही जमा किये थे। उसी प्रकार 20 साल तक प्रति महीने 1000 रू निवेश कर 10 प्रतिशत रिटर्न के आधार पर 759,369 रू प्राप्त कर सकते है।*
2. निवेश में आसानी Easiness - एसआईपी में निवेश करने के लिए ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं होती बस एक बार प्लान में प्रवेश लेने के बाद एक निश्चित तारीख को म्युचुअल फंड आपके खाते से राशि निकालकर आपके चुने हुए प्लान में जमा कर देता है।

3. रूपये की कीमत का औसत Rupee Cost Averaging - एसआईपी उतार चढाव भरे बाजारों में निवेश के जोखिम को कम करता है, यह लंबी अवधि में आपकों शानदार रिटर्न देते हुए आपकी लागत के औसतीकरण में मदद करता है। एकमुश्त नियमित निवेश के समय जब NAV घटता है तो आप ज्यादा UNITS खरीद पाते है और जब NAV बढता है तब आप कम UNITS खरीद पाते है इस तरह समय के साथ औसतीकरण के कारण आपके निवेश की औसत लागत घट जाती है। यह रूपये की औसत लागत की नीति होती जो एक लंबी अवधि के समझदार निवेश के लिए बनाई गई है। यह सुविधा अस्थिर बाजार में निवेश के खतरे को कम करती है और बाजार के उतार चढाव भरे सफर में आपकों सहज बनाये रखती है।
उदाहरण के लिए जनवरी 16 में आपके चुने गए प्लान में एनएवी का मूल्य 10 रू था तो 1000 के निवेश पर आपकों 100 यूनिट मिली, फरवरी में एनएवी का मूल्य 12 रू हो गया तो आपकों 1000 रू के निवेश पर 83.33 यूनिट मिली और मार्च में एनएवी का मूल्य 8 रू हो जाने पर आपकों 1000 रू के निवेश पर 125 यूनिट मिली। इस तरह तीन महीने के बाद कुल 3000 रू के निवेश पर आपकों 308.33 यूनिट मिली!! है ना! आश्चर्यजनक। यानि आपने औसतन प्रत्येक यूनिट का 9.72 रू भुगतान किया। इससे बाजार में आपका रिस्क भी कम हुआ और आपकों रूपये की औसत का फायदा भी मिला।

4. अनुशासित निवेश Systematic Investment - चूंकि इसमें नियमित समय के लिए एक छोटी राशि निश्चित अंतराल से आपके खाते से निकाल कर निवेश की जाती है। इससे आपकों छोटी बचत के अनुशासन का फायदा भी मिल जाता है।
5. रिस्क में कमी Low Risk- एसआईपी का एक बड़ा फायदा यह भी है कि आपके रिस्क में कमी लाता है। आपके पास 50000 रू है तों उसे शेयर में एक साथ निवेश कर एसआईपी के माध्यम से 5000 रू को दस किश्तों में निवेश कर बाजार के उतार चढाव के नुकसान से बचा जा सकता है।
6. टैक्स में छूट Tax Rebate - एसआईपी निवेश में पैसे डालने या निकालने पर किसी भी प्रकार का टैक्स या शुल्क नहीं लिया जाता है। तथापि इसके केपिटल गेन पर लगने वाला टैक्स निवेश करने के समय पर निर्भर करता है।

-:- एसआईपी का सबसे बड़ा फायदा  -:- 

जैसा कि पहले बताया गया कि SIP Rupee Cost Averaging के माध्यम और रूपये की जुड़ते रहने की शक्ति (Compounding Power) के माध्यम से छोटी बचत को भी एक बड़ी राशि में तब्दील कर देता है।

''मेरा पसंदीदा होल्डिंग पीरियड है हमेशा के लिए।''
''मैं यह सोचकर निवेश करता हूं कि बाजार अगले दिन बंद हो जाएगा और पांच साल के बाद खुलेगा।''

वारेन बफे 
निवेशक विशेषज्ञों का यह मानना है कि एक निवेशक को बहुत जल्दी निवेश शुरू कर देना चाहिए। इसका कारण है चक्रवृद्धि ब्याज। एसआईपी में धन निरंतर जुड़ता रहता है इसलिए इसमें निवेश बहुत जल्दी ही शुरू कर देना चाहिए और लंबी अवधि के लिए करना चाहिए। दोनों बातों को हम उदाहरण के माध्यम से समझते है
राम और श्याम दोनों 25 साल के है। राम ने समझदारी दिखाते हुए 25 साल की उम्र में ही एसआईपी में हर महीने 1000 रू निवेश करना शुरू किया और श्याम ने 30 साल की उम्र से 1000 रू निवेश करना शुरू किया। अब 10 प्रतिशत रिटर्न को हम आधार माने तो 45 वर्ष की उम्र में राम को 240,000 रू निवेश के बदले 759,369 रू प्राप्त हुए जबकि श्याम को 180,000 रू निवेश के बदले 414,470 रू प्राप्त हुए। आप स्ंवय देखिए राम को श्याम से 344,899 रू अधिक प्राप्त हुए जबकि राम ने श्याम से सिर्फ 60,000 रू अधिक धन निवेश किया था। राम को इतना बड़ा फायदा इसलिए हुआ क्योंकि उसने श्याम से 5 वर्ष पहलें निवेश करना शुरू किया था और Compounding Power से राम को सात लाख से अधिक रूपयें मिल गए।*
इस प्रकार जल्दी Invest करने और Long Term तक निवेश करने पर SIP के माध्यम से बड़ी धनराशि प्राप्त की जा सकती है।

म्युचुअल फंड का चुनाव करते समय ध्यान रखने वाली बाते-

म्युचुअल फंड स्कीम का चुनाव इस क्षेत्र के किसी विशेषज्ञ की देखरेख में ही शुरू करे। फ्रैंकलिन टेंपलटन इन्वेस्टमेंट (इंडिया) के प्रेसीडेंट हर्षेंदु बिंदल अमर उजाला से बात करते हुए कहते है कि निवेशकों को स्कीम का चुनाव करते समय देखना चाहिए कि स्कीम कितनी पुरानी है। दूसरी स्कीमों और प्रमुख सूचकांक की तुलना मे स्कीम का प्रदर्शन कैसा है। फंड हाउस का अच्छा ट्रैक रिकाॅर्ड होना चाहिए। निवेशक को Invest Management Team का Experience और Quality भी देखनी चाहिए। इसके अलावा फंड हाउस के सर्विस रिकार्ड पर भी नजर रखनी चाहिए।
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* Calculation is based on SIP Calculator. Want to know more about sip income please Click- UTI SIP Calculator

अस्वीकारण -
विचार प्रेरणा ब्लाॅग की टीम ने यद्यपि इस जानकारी को जुटाने में पूर्ण सावधानी बरती है, तथापि उक्त लेख में किसी विरोधाभास के लिए विचार प्रेरणा ब्लाॅग से जुड़ा कोई व्यक्ति जिम्मेदार नहीं है। म्यूच्यूअल फ़ंड निवेशों के साथ मार्केट के जोखिम होते हैं. निवेश करने से पहले कृपया ऑफर डॉक्यूमेन्ट को ध्यानपूर्वक पढ़ें.


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