कानपुर,जागरण संवाददाता : इस वर्ष से बीएड की पढ़ाई चार सेमेस्टर में बांट
दी गई है। दो वर्ष की पढ़ाई के दौरान छात्रों को चार सेमेस्टर की
परीक्षाएं पास करनी होंगी। नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजूकेशन (एनसीटीई) ने इन
सभी सेमेस्टर में पढ़ाए जाने वाले कोर्स के अंक भी निर्धारित कर दिए हैं।
बीएड का पहला सेमेस्टर ढाई सौ, दूसरा सेमेस्टर साढ़े तीन सौ, तीसरा सेमेस्टर तीन सौ व चौथा सेमेस्टर तीन सौ अंकों का होगा। तीन सेमेस्टर में पढ़ाई के साथ दिए गए असाइनमेंट में छात्रों को काम भी करना होगा। इस साल से फील्डवर्क का अनुभव जोड़ने के साथ एक सेमेस्टर में स्कूल की इंटर्नशिप को भी शामिल किया गया है। यह इंटर्नशिप 15 हफ्ते की होगी जबकि फील्ड में काम करने का समय अंतराल 16 हफ्ते रखा गया है जबकि अभी तक अलग-अलग विश्वविद्यालयों में बीएड में अंकों का वितरण अलग-अलग किया जाता था।
कंप्यूटर से पढ़ाने के लिए छात्र होंगे तैयार :
दो साल के बीएड पाठ्यक्रम में कंप्यूटर शिक्षा पर विशेष फोकस किया गया है। छात्रों को बीएड की पढ़ाई के दौरान कंप्यूटर के जरिए स्कूली बच्चों को पढ़ाने के लिए तैयार किया जाएगा। उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित महाविद्यालय संघ के अध्यक्ष विनय त्रिवेदी ने बताया कि अभी तक बीएड में केवल कंप्यूटर लिट्रेसी का कोर्स था जिसे अब बड़े पैमाने पर शामिल किया जा रहा है। शिक्षक बनने वाले छात्र इसके जरिए कक्षाओं में पढ़ाने से लेकर प्रशासनिक कार्य करने के लिए खुद को तैयार कर सकेंगे। दो साल के बीएड कोर्स में यह ऐसा ऐसा बदलाव है जिसमें पढ़ाने से संबंधित उन बारीकियों को शामिल किया गया है जिससे ऐसे शिक्षक तैयार किए जा सकें जो कक्षा छह से 12वीं तक के छात्रों को और बेहतर तरीके से पढ़ा सकें।
एक नजर में प्रदेश के बीएड कॉलेज :
कालेज-1250
सीटें-1.40 लाख
सीएसजेएमयू से संबद्ध कालेज-190
इनकी सीटें-20 हजार
सरकारी नौकरी - Government of India Jobs Originally published for http://e-sarkarinaukriblog.blogspot.com/ Submit & verify Email for Latest Free Jobs Alerts Subscribe
बीएड का पहला सेमेस्टर ढाई सौ, दूसरा सेमेस्टर साढ़े तीन सौ, तीसरा सेमेस्टर तीन सौ व चौथा सेमेस्टर तीन सौ अंकों का होगा। तीन सेमेस्टर में पढ़ाई के साथ दिए गए असाइनमेंट में छात्रों को काम भी करना होगा। इस साल से फील्डवर्क का अनुभव जोड़ने के साथ एक सेमेस्टर में स्कूल की इंटर्नशिप को भी शामिल किया गया है। यह इंटर्नशिप 15 हफ्ते की होगी जबकि फील्ड में काम करने का समय अंतराल 16 हफ्ते रखा गया है जबकि अभी तक अलग-अलग विश्वविद्यालयों में बीएड में अंकों का वितरण अलग-अलग किया जाता था।
कंप्यूटर से पढ़ाने के लिए छात्र होंगे तैयार :
दो साल के बीएड पाठ्यक्रम में कंप्यूटर शिक्षा पर विशेष फोकस किया गया है। छात्रों को बीएड की पढ़ाई के दौरान कंप्यूटर के जरिए स्कूली बच्चों को पढ़ाने के लिए तैयार किया जाएगा। उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित महाविद्यालय संघ के अध्यक्ष विनय त्रिवेदी ने बताया कि अभी तक बीएड में केवल कंप्यूटर लिट्रेसी का कोर्स था जिसे अब बड़े पैमाने पर शामिल किया जा रहा है। शिक्षक बनने वाले छात्र इसके जरिए कक्षाओं में पढ़ाने से लेकर प्रशासनिक कार्य करने के लिए खुद को तैयार कर सकेंगे। दो साल के बीएड कोर्स में यह ऐसा ऐसा बदलाव है जिसमें पढ़ाने से संबंधित उन बारीकियों को शामिल किया गया है जिससे ऐसे शिक्षक तैयार किए जा सकें जो कक्षा छह से 12वीं तक के छात्रों को और बेहतर तरीके से पढ़ा सकें।
एक नजर में प्रदेश के बीएड कॉलेज :
कालेज-1250
सीटें-1.40 लाख
सीएसजेएमयू से संबद्ध कालेज-190
इनकी सीटें-20 हजार
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