राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की प्रवक्ता
परीक्षा में भौतिकी विषय के सवाल भी विवादों में आ गए हैं। बोर्ड ने जो
आन्सर की जारी की है, उसके आधार पर अभ्यर्थियों ने पंद्रह सवालों पर सवाल
उठाए हैं।
उन्होंने इस पर बोर्ड में आपत्तियां दाखिल की है और अपने पक्ष में दस्तावेज भी संलग्न किए हैं। 1बोर्ड ने भौतिकी के प्रवक्ता पदों की परीक्षा 22 फरवरी को आयोजित की थी। दो दिन पहले इसकी आन्सर की जारी की गई। इसमें सवालों के उत्तर देखने के बाद अभ्यर्थी परेशान हो उठे। परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एमएससी कर रहे कई छात्र भी हैं।
उन्होंने अपने गुरुजनों से संपर्क किया तो वे भी अचरज में आ गए। बुधवार को इन अभ्यर्थियों ने बोर्ड कार्यालय जाकर आपत्तियां दाखिल की। अभ्यर्थियों का कहना था कि अब बोर्ड को यह स्पष्ट करना चाहिए कि प्रश्नपत्रों के निर्धारण और माडरेटिंग का जिम्मा किसे सौंपा गया है। बोर्ड ने अभ्यर्थियों के साथ खिलवाड़ किया है। कुछ सवालों के दो-दो विकल्प सही हैं तो कुछ में एक भी विकल्प सही नहीं है।
उदाहरण के रूप में बोर्ड की आन्सर में बताया गया है कि सूर्य का केंद्रीय हिस्सा क्रोमोस्फीयर है इसका सही उत्तर फोटोस्फीयर होना चाहिए। अभ्यर्थियों के अनुसार किसी भी परीक्षा में इतने सारे सवालों के उत्तर गलत मिलेंगे तो परीक्षा संस्था से लोगों का विश्वास उठने लगेगा। उल्लेखनीय है कि बोर्ड की टीजीटी-पीजीटी के कई और विषयों को लेकर भी सवाल उठे हैं। प्रवक्ता पदों में इतिहास विषय की परीक्षा तो बोर्ड को रद भी करनी पड़ी है।
अभ्यर्थियों ने माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में दाखिल की आपत्तियां
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उन्होंने इस पर बोर्ड में आपत्तियां दाखिल की है और अपने पक्ष में दस्तावेज भी संलग्न किए हैं। 1बोर्ड ने भौतिकी के प्रवक्ता पदों की परीक्षा 22 फरवरी को आयोजित की थी। दो दिन पहले इसकी आन्सर की जारी की गई। इसमें सवालों के उत्तर देखने के बाद अभ्यर्थी परेशान हो उठे। परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एमएससी कर रहे कई छात्र भी हैं।
उन्होंने अपने गुरुजनों से संपर्क किया तो वे भी अचरज में आ गए। बुधवार को इन अभ्यर्थियों ने बोर्ड कार्यालय जाकर आपत्तियां दाखिल की। अभ्यर्थियों का कहना था कि अब बोर्ड को यह स्पष्ट करना चाहिए कि प्रश्नपत्रों के निर्धारण और माडरेटिंग का जिम्मा किसे सौंपा गया है। बोर्ड ने अभ्यर्थियों के साथ खिलवाड़ किया है। कुछ सवालों के दो-दो विकल्प सही हैं तो कुछ में एक भी विकल्प सही नहीं है।
उदाहरण के रूप में बोर्ड की आन्सर में बताया गया है कि सूर्य का केंद्रीय हिस्सा क्रोमोस्फीयर है इसका सही उत्तर फोटोस्फीयर होना चाहिए। अभ्यर्थियों के अनुसार किसी भी परीक्षा में इतने सारे सवालों के उत्तर गलत मिलेंगे तो परीक्षा संस्था से लोगों का विश्वास उठने लगेगा। उल्लेखनीय है कि बोर्ड की टीजीटी-पीजीटी के कई और विषयों को लेकर भी सवाल उठे हैं। प्रवक्ता पदों में इतिहास विषय की परीक्षा तो बोर्ड को रद भी करनी पड़ी है।
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