14 साल से पढ़ा रहा था इंटर फेल शिक्षामित्र
सहायक अध्यापक पद पर समायोजन के बाद अभिलेखों के सत्यापन में जिले के शिक्षामित्रों की कारगुजारियां सामने आ रही हैं। गगहा स्थित प्राथमिक विद्यालय हउहाभारी में सहायक अध्यापक पद पर तैनात शिक्षामित्र पिछले 14 साल से फर्जी अंक पत्र पर छात्रों को पढ़ा रहा था।
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सहायक अध्यापक पद पर समायोजन के बाद अभिलेखों के सत्यापन में जिले के शिक्षामित्रों की कारगुजारियां सामने आ रही हैं। गगहा स्थित प्राथमिक विद्यालय हउहाभारी में सहायक अध्यापक पद पर तैनात शिक्षामित्र पिछले 14 साल से फर्जी अंक पत्र पर छात्रों को पढ़ा रहा था।
समायोजन के बाद उसके अभिलेखों की जांच की गई तो पता चला कि वह इंटरमीडिएट
में तीन विषयों में फेल है। मामले को गंभीरता से लेते हुए बीएसए ने
शिक्षामित्र प्रमोद कुमार की सेवा समाप्त कर दी है। साथ ही मानदेय की
रिकवरी और मुकदमा दर्ज कराने का निर्देश दिया है।
फर्जीवाड़ा के आरोप में अब तक जिले के 3 शिक्षामित्रों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित की जा चुकी है।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कमलाकर पांडेय के अनुसार शिक्षामित्र प्रमोद कुमार वर्ष 2001 में गगहा स्थित प्राथमिक विद्यालय पिघौरा में तैनात हुआ था।
तैनाती के बाद से वह उसी विद्यालय में पढ़ा रहा था। पिछले वर्ष के अंत में शासन के निर्देश पर प्रथम चरण के समायोजन के तहत उसका भी पदस्थापना हुआ। वह गगहा ब्लाक के ही प्राथमिक विद्यालय हउहाभारी में बतौर सहायक अध्यापक तैनात भी हो गया।
इधर, सत्यापन की प्रक्रिया में जब उसके अभिलेखों की जांच हुई तो जांचकर्ताओं के भी होश उड़ गए। अभिलेखों के मुताबिक उसने वर्ष 1995 में जवाहर लाल इंटर कालेज जैतपुर से इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण की है। अंक पत्र में उसने 500 में 271 अंक प्राप्त किया है।
लेकिन, जब जांच की गई तो मूल अंक पत्र में उसके अंक महज 127 ही हैं। बीएसए ने बताया कि अंक पत्र की जांच के लिए उन्होंने जवाहर लाल नेहरू इंटर कालेज के प्रधानाचार्य और शिक्षामित्र प्रमोद कुमार को भी कार्यालय बुलाया था।
प्रधानाचार्य वर्ष 1995 की क्लास लिस्ट लेकर पहुंचे और उन्होंने उसका सही अंक दिखाया। लेकिन, शिक्षामित्र मौके पर नहीं पहुंचा। उसने पत्र के जरिए अपनी गलती स्वीकर कर ली है। उसका कहना है कि सेवा समाप्त कर दी जाए लेकिन कोई विधिक कार्रवाई न की जाए। लेकिन, उसके द्वारा किया गया फर्जीवाड़ा क्षम्य नहीं है, विधिक कार्रवाई भी होगी।
फर्जीवाड़ा के आरोप में अब तक जिले के 3 शिक्षामित्रों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित की जा चुकी है।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कमलाकर पांडेय के अनुसार शिक्षामित्र प्रमोद कुमार वर्ष 2001 में गगहा स्थित प्राथमिक विद्यालय पिघौरा में तैनात हुआ था।
तैनाती के बाद से वह उसी विद्यालय में पढ़ा रहा था। पिछले वर्ष के अंत में शासन के निर्देश पर प्रथम चरण के समायोजन के तहत उसका भी पदस्थापना हुआ। वह गगहा ब्लाक के ही प्राथमिक विद्यालय हउहाभारी में बतौर सहायक अध्यापक तैनात भी हो गया।
इधर, सत्यापन की प्रक्रिया में जब उसके अभिलेखों की जांच हुई तो जांचकर्ताओं के भी होश उड़ गए। अभिलेखों के मुताबिक उसने वर्ष 1995 में जवाहर लाल इंटर कालेज जैतपुर से इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण की है। अंक पत्र में उसने 500 में 271 अंक प्राप्त किया है।
लेकिन, जब जांच की गई तो मूल अंक पत्र में उसके अंक महज 127 ही हैं। बीएसए ने बताया कि अंक पत्र की जांच के लिए उन्होंने जवाहर लाल नेहरू इंटर कालेज के प्रधानाचार्य और शिक्षामित्र प्रमोद कुमार को भी कार्यालय बुलाया था।
प्रधानाचार्य वर्ष 1995 की क्लास लिस्ट लेकर पहुंचे और उन्होंने उसका सही अंक दिखाया। लेकिन, शिक्षामित्र मौके पर नहीं पहुंचा। उसने पत्र के जरिए अपनी गलती स्वीकर कर ली है। उसका कहना है कि सेवा समाप्त कर दी जाए लेकिन कोई विधिक कार्रवाई न की जाए। लेकिन, उसके द्वारा किया गया फर्जीवाड़ा क्षम्य नहीं है, विधिक कार्रवाई भी होगी।
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