दरोगाओं ने भी की पुरानी पेंशन नीति की मांग
इलाहाबाद (एसएनबी)। टीचरों के बाद अब 2005 बैच के दरोगाओं ने भी इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सरकार से पुरानी पेंशन नीति लागू करने की मांग की है। इन दरोगाओं का कहना है कि वर्ष 2001 के विज्ञापन के आधार पर यूपी में दरोगा पदों पर उनकी नियुक्ति वर्ष 2005 में हुई थी। भर्ती प्रक्रिया पूरी होने में लगभग पांच वर्ष का समय लग गया था।
इन दरोगाओं ने पुरानी पेंशन नीति का कोर्ट में दावा किया है। हाईकोर्ट ने इनकी याचिका पर प्रदेश सरकार से छह सप्ताह में जवाब मांगा है।यह आदेश न्यायमूर्ति वीके बिड़ला ने राजेश कुमार यादव व कई अन्य दरोगाओं की याचिका पर दिया है। याचिका में कहा गया है कि वर्ष 2001 के दरोगा भर्ती विज्ञापन में यूपी में 799 पुरु ष व 89 महिला सब इंस्पेक्टरों की भर्ती का विज्ञापन निकला था। इसमें याचीगण शामिल हुए थे। यह भर्ती प्रक्रिया वर्ष 2005 में पूरी हुई और याचीगण चयनित हुए। याची दरोगाओं को 30 नवम्बर 2005 के बाद की नियुक्ति होने के आधार पर उन्हें एक अप्रैल 2005 से लागू नई अंशदायी पेंशन योजना में शामिल किया जा रहा है। जबकि इन दरोगाओें का कहना है कि भर्ती प्रक्रिया में विलम्ब के लिए वे दोषी नहीं हैं। इन दरोगाओं का कहना है कि उन्होंने वर्ष 2001 की भर्ती प्रक्रिया में आवेदन किया था और उस समय की भर्ती पुरानी सर्विस रुल्स के तहत थी। कहा गया है कि नई पेंशन योजना के बजाए याची दरोगा उत्तर प्रदेश पुलिस असाधारण पेंशन नियमावली 1961 वाली पेंशन योजना के हकदार हैं। पिछले सप्ताह प्रदेश के टीचरों ने भी याचिका दायर कर पुरानी पेंशन योजना जारी रखने की मांग की है तथा कहा है कि उनकी नियुक्तियां पहले की हैं इस कारण 2005 की नई पेंशन योजना उन पर लागू नहीं होगी। इनके मामले में भी कोर्ट ने सरकार से जवाब मांग रखा है।
दहाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार से छह सप्ताह में मांगा जवाब
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इलाहाबाद (एसएनबी)। टीचरों के बाद अब 2005 बैच के दरोगाओं ने भी इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सरकार से पुरानी पेंशन नीति लागू करने की मांग की है। इन दरोगाओं का कहना है कि वर्ष 2001 के विज्ञापन के आधार पर यूपी में दरोगा पदों पर उनकी नियुक्ति वर्ष 2005 में हुई थी। भर्ती प्रक्रिया पूरी होने में लगभग पांच वर्ष का समय लग गया था।
इन दरोगाओं ने पुरानी पेंशन नीति का कोर्ट में दावा किया है। हाईकोर्ट ने इनकी याचिका पर प्रदेश सरकार से छह सप्ताह में जवाब मांगा है।यह आदेश न्यायमूर्ति वीके बिड़ला ने राजेश कुमार यादव व कई अन्य दरोगाओं की याचिका पर दिया है। याचिका में कहा गया है कि वर्ष 2001 के दरोगा भर्ती विज्ञापन में यूपी में 799 पुरु ष व 89 महिला सब इंस्पेक्टरों की भर्ती का विज्ञापन निकला था। इसमें याचीगण शामिल हुए थे। यह भर्ती प्रक्रिया वर्ष 2005 में पूरी हुई और याचीगण चयनित हुए। याची दरोगाओं को 30 नवम्बर 2005 के बाद की नियुक्ति होने के आधार पर उन्हें एक अप्रैल 2005 से लागू नई अंशदायी पेंशन योजना में शामिल किया जा रहा है। जबकि इन दरोगाओें का कहना है कि भर्ती प्रक्रिया में विलम्ब के लिए वे दोषी नहीं हैं। इन दरोगाओं का कहना है कि उन्होंने वर्ष 2001 की भर्ती प्रक्रिया में आवेदन किया था और उस समय की भर्ती पुरानी सर्विस रुल्स के तहत थी। कहा गया है कि नई पेंशन योजना के बजाए याची दरोगा उत्तर प्रदेश पुलिस असाधारण पेंशन नियमावली 1961 वाली पेंशन योजना के हकदार हैं। पिछले सप्ताह प्रदेश के टीचरों ने भी याचिका दायर कर पुरानी पेंशन योजना जारी रखने की मांग की है तथा कहा है कि उनकी नियुक्तियां पहले की हैं इस कारण 2005 की नई पेंशन योजना उन पर लागू नहीं होगी। इनके मामले में भी कोर्ट ने सरकार से जवाब मांग रखा है।
दहाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार से छह सप्ताह में मांगा जवाब
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