भर्तियों की तैयारियों में नये सिरे से जुटा चयन बोर्ड
विवादों के भंवर में माध्यमिक सेवा चयन बोर्ड
टीजीटी-पीजीटी का अधियाचन मंगाने का मामला, 21 को फिर बुलाई गई जेडी की बैठक
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : उत्तर प्रदेश माध्यमिक सेवा चयन बोर्ड ने टीजीटी-पीजीटी का अधियाचन मंगाने को लेकर फिर से सभी जेडी की बैठक 21 मई को बुलाई है। 15 मई की बैठक में 2014-15 की रिक्तियां मंगाने और भर्ती प्रक्रिया को अमलीजामा पहनाने को लेकर विचार-विमर्श किया जाएगा। शासन द्वारा सभी शिक्षाधिकारियों को चेतावनी दिए जाने के बाद बोर्ड को अधियाचन भेजने का रास्ता साफ होने की उम्मीद है।
चेतावनी के बाद शिक्षाधिकारी चेते
बोर्ड अध्यक्ष की शिकायत पर शासन ने सभी मंडलीय संयुक्त निदेशकों (जेडी), उप निदेशकों और जिला विद्यालय निरीक्षकों (डीआइओएस) को दो सप्ताह में बोर्ड को रिक्तियां भिजवाने के सख्त निर्देश दिए हैं। माध्यमिक शिक्षा विभागके प्रमुख सचिव जितेंद्र कुमार ने तय समय में अधियाचन नहीं भेजने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई का ब्यौरा भी तलब किया है। सैकड़ों अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्य और हजारों विद्यालयों में प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी) और परास्नातक शिक्षकों (पीजीटी) शिक्षकों के पद रिक्त हैं। बोर्ड ने सभी मंडलीय संयुक्त निदेशकों (जेडी), उप निदेशकों व जिला विद्यालय निरीक्षकों (डीआइओएस) से जून 2015 तक खाली होने वाले पदों की रिक्तियां मांगी थीं, लेकिन शिक्षाधिकारी बोर्ड को रिक्तियां उपलब्ध नहीं करा रहे हैं। ऐसे में बोर्ड नये सत्र का भर्ती कैलेंडर जारी नहीं कर पा रहा है। महत्वपूर्ण यह है कि खाली पदों का ब्यौरा विभिन्न भर्ती एजेंसियों को समय उपलब्ध नहीं कराने की मुख्यमंत्री की प्रमुख सचिव अनीता सिंह और मुख्य सचिव आलोक रंजन लगातार समीक्षा कर रहे हैं। नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग के प्रमुख राजीव कुमार अधिकारियों को भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश जारी कर रहे हैं लेकिन फिर भी जिम्मेदार अधिकारी सुनने को तैयार नहीं है।
बोर्ड द्वारा 15 मई को बुलाई गई 18 संयुक्त निदेशकों (जेडी) की बैठक में मात्र एक आए थे। ऐसे में बोर्ड को फिर से 21 मई को बैठक बुलानी पड़ी थी। इसके लिए एक सप्ताह पूर्व सभी अधिकारियों को सूचित कर दिया गया था, लेकिन 15 मई की बैठक में महज एक मंडल के संयुक्त निदेशक बोर्ड की बैठक में पहुंचे। 17 मंडलों के जेडी ने महज नुमाइंदों को भेजकर खानापूर्ति कर दी थी।
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड एक के बाद एक गड़बड़ियों को लेकर विवादों के भंवर में फंसता जा रहा है। पूर्व में हुई भर्ती परीक्षाओं में प्रश्नपत्र की गड़बडी के कारण चयन बोर्ड को अदालती विवादों का सामना करना पड़ रहा है और अब भी वही स्थिति है। 125 जनवरी को हुई प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी) की शारीरिक शिक्षक विषय की चयन बोर्ड द्वारा जारी संशोधित आंसर-की की बी-सीरीज में तमाम गलतियां प्रतियोगी अभ्यर्थियों ने गिना दी हैं। प्रतियोगियों ने इसके लिए तमाम साक्ष्य और तर्क भी प्रस्तुत किए हैं। हंिदूी, भूगोल और उर्दू सहित आधा दर्जन विषयों की संशोधित आंसर-की पहले से सवालों के घेरे में है।
जानकारों का कहना है कि इस तरह सिलसिलेवार गड़बड़ी के कारण एक बार फिर शिक्षक भर्ती विवादों की भेंट चढ़ सकती है। प्रतियोगी विनोद कुमार सिंह ने बोर्ड के गलतियों से संबंधित तमाम साक्ष्य भी प्रस्तुत किए हैं। बोर्ड द्वारा एक के बाद लापरवाही उजागर होने बाद भी मामले गंभीरता से नहीं लिए जाने को लेकर टीजीटी-पीजीटी प्रतियोगी मोर्चा ने रिंकू सिंह के नेतृत्व में आंदोलन की चेतावनी दी है।
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विवादों के भंवर में माध्यमिक सेवा चयन बोर्ड
टीजीटी-पीजीटी का अधियाचन मंगाने का मामला, 21 को फिर बुलाई गई जेडी की बैठक
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : उत्तर प्रदेश माध्यमिक सेवा चयन बोर्ड ने टीजीटी-पीजीटी का अधियाचन मंगाने को लेकर फिर से सभी जेडी की बैठक 21 मई को बुलाई है। 15 मई की बैठक में 2014-15 की रिक्तियां मंगाने और भर्ती प्रक्रिया को अमलीजामा पहनाने को लेकर विचार-विमर्श किया जाएगा। शासन द्वारा सभी शिक्षाधिकारियों को चेतावनी दिए जाने के बाद बोर्ड को अधियाचन भेजने का रास्ता साफ होने की उम्मीद है।
चेतावनी के बाद शिक्षाधिकारी चेते
बोर्ड अध्यक्ष की शिकायत पर शासन ने सभी मंडलीय संयुक्त निदेशकों (जेडी), उप निदेशकों और जिला विद्यालय निरीक्षकों (डीआइओएस) को दो सप्ताह में बोर्ड को रिक्तियां भिजवाने के सख्त निर्देश दिए हैं। माध्यमिक शिक्षा विभागके प्रमुख सचिव जितेंद्र कुमार ने तय समय में अधियाचन नहीं भेजने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई का ब्यौरा भी तलब किया है। सैकड़ों अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्य और हजारों विद्यालयों में प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी) और परास्नातक शिक्षकों (पीजीटी) शिक्षकों के पद रिक्त हैं। बोर्ड ने सभी मंडलीय संयुक्त निदेशकों (जेडी), उप निदेशकों व जिला विद्यालय निरीक्षकों (डीआइओएस) से जून 2015 तक खाली होने वाले पदों की रिक्तियां मांगी थीं, लेकिन शिक्षाधिकारी बोर्ड को रिक्तियां उपलब्ध नहीं करा रहे हैं। ऐसे में बोर्ड नये सत्र का भर्ती कैलेंडर जारी नहीं कर पा रहा है। महत्वपूर्ण यह है कि खाली पदों का ब्यौरा विभिन्न भर्ती एजेंसियों को समय उपलब्ध नहीं कराने की मुख्यमंत्री की प्रमुख सचिव अनीता सिंह और मुख्य सचिव आलोक रंजन लगातार समीक्षा कर रहे हैं। नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग के प्रमुख राजीव कुमार अधिकारियों को भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश जारी कर रहे हैं लेकिन फिर भी जिम्मेदार अधिकारी सुनने को तैयार नहीं है।
बोर्ड द्वारा 15 मई को बुलाई गई 18 संयुक्त निदेशकों (जेडी) की बैठक में मात्र एक आए थे। ऐसे में बोर्ड को फिर से 21 मई को बैठक बुलानी पड़ी थी। इसके लिए एक सप्ताह पूर्व सभी अधिकारियों को सूचित कर दिया गया था, लेकिन 15 मई की बैठक में महज एक मंडल के संयुक्त निदेशक बोर्ड की बैठक में पहुंचे। 17 मंडलों के जेडी ने महज नुमाइंदों को भेजकर खानापूर्ति कर दी थी।
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड एक के बाद एक गड़बड़ियों को लेकर विवादों के भंवर में फंसता जा रहा है। पूर्व में हुई भर्ती परीक्षाओं में प्रश्नपत्र की गड़बडी के कारण चयन बोर्ड को अदालती विवादों का सामना करना पड़ रहा है और अब भी वही स्थिति है। 125 जनवरी को हुई प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी) की शारीरिक शिक्षक विषय की चयन बोर्ड द्वारा जारी संशोधित आंसर-की की बी-सीरीज में तमाम गलतियां प्रतियोगी अभ्यर्थियों ने गिना दी हैं। प्रतियोगियों ने इसके लिए तमाम साक्ष्य और तर्क भी प्रस्तुत किए हैं। हंिदूी, भूगोल और उर्दू सहित आधा दर्जन विषयों की संशोधित आंसर-की पहले से सवालों के घेरे में है।
जानकारों का कहना है कि इस तरह सिलसिलेवार गड़बड़ी के कारण एक बार फिर शिक्षक भर्ती विवादों की भेंट चढ़ सकती है। प्रतियोगी विनोद कुमार सिंह ने बोर्ड के गलतियों से संबंधित तमाम साक्ष्य भी प्रस्तुत किए हैं। बोर्ड द्वारा एक के बाद लापरवाही उजागर होने बाद भी मामले गंभीरता से नहीं लिए जाने को लेकर टीजीटी-पीजीटी प्रतियोगी मोर्चा ने रिंकू सिंह के नेतृत्व में आंदोलन की चेतावनी दी है।
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