शासन स्तर से मांगी गई है सूचना
बदायूं। संपूर्णानंद विश्वविद्यालय से शिक्षा ग्रहण करने वाले शिक्षक-शिक्षामित्रों में शासन की ओर से ब्यौरा मांगे जाने से हड़कंप मचा हुआ है। वह स्थिति जानने को बेसिक दफ्तर के चक्कर भी लगा रहे हैं। वहीं बिना अनुमति रेग्यूलर डिग्री के साथ मानदेय लेने वाले शिक्षामित्र भी चिंतित हैं। चूंकि समस्त बीईओ से ऐसे शिक्षामित्रों का सात मई तक ब्यौरा मांगा है।
विभागीय सूत्रों का कहना है कि कुछ के अभिलेख फर्जी होने के साथ मानदेय और रेग्यूलर डिग्री एक साथ लेने वालों के नाम भी सामने आने की आशंका है। हालांकि इस मामले को दबाने का भी काम भी शुरू हो गया है। प्रभावी अपने स्तर से जुट गए हैं।
समायोजन के लिए हुई शिक्षामित्रों की काउंसिलिंग में कई शिक्षामित्रों के मामले ऐसे सामने आए, जिन्हें अभिलेख फर्जी थे। उन्होंने फेक बोर्ड/यूनिवर्सिटी से शिक्षा ग्रहण कर रखी थी। डायट प्राचार्य ने ऐसे शिक्षामित्र को चिह्नित करते हुए काउंसिलिंग कराने से रोकते हुए नाम के आगे रिमार्क करने के आदेश दे दिए।
वहीं एक शिक्षामित्र ऐसा भी पाया जिसने नियुक्ति के वक्त कोई और जबकि ट्रेनिंग के दौरान कोई और अभिलेख लगाए थे। जैसे ही इसकी जानकारी हुई तो वह भाग खड़ा हुआ। इसके बाद एक मामला बिना अनुमति रेग्यूलर डिग्री हासिल करने का भी सामने आया। इतना ही नहीं इस दौरान पूरा मानदेय भी लिया गया। इसे देखते हुए डायट प्राचार्य ने सभी रेग्यूलर शिक्षा लेने वाले शिक्षामित्रों का डेटा तलब कर लिया, ताकि वास्तविक स्थिति का पता लग सके। वहीं पारदर्शिता बरतने के लिए संपूर्णानंद और वृंदावन से शिक्षा ग्रहण करने वालों का रिकार्ड मांगा। इसका रिकार्ड शासन स्तर से भी मांगा गया है। डायट प्राचार्य के मुताबिक इसकी जांच शासन की ओर से विजीलेंस से कराई जाएगी।
वहीं सेकेंड बैच की काउंसिलिंग के दौरान संपूर्णानंद और वृंदावन से शिक्षा लेने वालों के दस्तावेज पहले ही छांट लिए गए हैं। इसे लेकर अब इनसे शिक्षा लेने वाले शिक्षकों और शिक्षामित्रों में हड़कंप का माहौल है। इसे लेकर शिक्षामित्रों के बीच भी खूब चर्चा है। वहीं विभागीय सूत्रों का कहना है कि अगर सहीं से जांच हुई तो कुछ नाम सामने आने की आशंका है।
शासन स्तर से मांगी गई है सूचना
अभिलेखों की होगी गहनता से जांच
शासन स्तर से ब्यौरा मांगा गया है। इसकी जानकारी बीईओ को बैठक में दी जा चुकी है। रेग्यूलर शिक्षा लेने वाले शिक्षक-शिक्षामित्रों का डेटा सात तक मांगा गया है। इसमें संपूर्णानंद और वृंदावन से शिक्षा लेने वाले भी है। वहीं प्रशिक्षुओं का डेटा डायट संस्थान देगा। सभी अभिलेखों की बारीकी से जांच कराई जाएगी। - आनंद प्रकाश शर्मा, डायट प्राचार्य, बदायूं।
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बदायूं। संपूर्णानंद विश्वविद्यालय से शिक्षा ग्रहण करने वाले शिक्षक-शिक्षामित्रों में शासन की ओर से ब्यौरा मांगे जाने से हड़कंप मचा हुआ है। वह स्थिति जानने को बेसिक दफ्तर के चक्कर भी लगा रहे हैं। वहीं बिना अनुमति रेग्यूलर डिग्री के साथ मानदेय लेने वाले शिक्षामित्र भी चिंतित हैं। चूंकि समस्त बीईओ से ऐसे शिक्षामित्रों का सात मई तक ब्यौरा मांगा है।
विभागीय सूत्रों का कहना है कि कुछ के अभिलेख फर्जी होने के साथ मानदेय और रेग्यूलर डिग्री एक साथ लेने वालों के नाम भी सामने आने की आशंका है। हालांकि इस मामले को दबाने का भी काम भी शुरू हो गया है। प्रभावी अपने स्तर से जुट गए हैं।
समायोजन के लिए हुई शिक्षामित्रों की काउंसिलिंग में कई शिक्षामित्रों के मामले ऐसे सामने आए, जिन्हें अभिलेख फर्जी थे। उन्होंने फेक बोर्ड/यूनिवर्सिटी से शिक्षा ग्रहण कर रखी थी। डायट प्राचार्य ने ऐसे शिक्षामित्र को चिह्नित करते हुए काउंसिलिंग कराने से रोकते हुए नाम के आगे रिमार्क करने के आदेश दे दिए।
वहीं एक शिक्षामित्र ऐसा भी पाया जिसने नियुक्ति के वक्त कोई और जबकि ट्रेनिंग के दौरान कोई और अभिलेख लगाए थे। जैसे ही इसकी जानकारी हुई तो वह भाग खड़ा हुआ। इसके बाद एक मामला बिना अनुमति रेग्यूलर डिग्री हासिल करने का भी सामने आया। इतना ही नहीं इस दौरान पूरा मानदेय भी लिया गया। इसे देखते हुए डायट प्राचार्य ने सभी रेग्यूलर शिक्षा लेने वाले शिक्षामित्रों का डेटा तलब कर लिया, ताकि वास्तविक स्थिति का पता लग सके। वहीं पारदर्शिता बरतने के लिए संपूर्णानंद और वृंदावन से शिक्षा ग्रहण करने वालों का रिकार्ड मांगा। इसका रिकार्ड शासन स्तर से भी मांगा गया है। डायट प्राचार्य के मुताबिक इसकी जांच शासन की ओर से विजीलेंस से कराई जाएगी।
वहीं सेकेंड बैच की काउंसिलिंग के दौरान संपूर्णानंद और वृंदावन से शिक्षा लेने वालों के दस्तावेज पहले ही छांट लिए गए हैं। इसे लेकर अब इनसे शिक्षा लेने वाले शिक्षकों और शिक्षामित्रों में हड़कंप का माहौल है। इसे लेकर शिक्षामित्रों के बीच भी खूब चर्चा है। वहीं विभागीय सूत्रों का कहना है कि अगर सहीं से जांच हुई तो कुछ नाम सामने आने की आशंका है।
शासन स्तर से मांगी गई है सूचना
अभिलेखों की होगी गहनता से जांच
शासन स्तर से ब्यौरा मांगा गया है। इसकी जानकारी बीईओ को बैठक में दी जा चुकी है। रेग्यूलर शिक्षा लेने वाले शिक्षक-शिक्षामित्रों का डेटा सात तक मांगा गया है। इसमें संपूर्णानंद और वृंदावन से शिक्षा लेने वाले भी है। वहीं प्रशिक्षुओं का डेटा डायट संस्थान देगा। सभी अभिलेखों की बारीकी से जांच कराई जाएगी। - आनंद प्रकाश शर्मा, डायट प्राचार्य, बदायूं।
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