शिक्षकों के वेतन पर 36 हजार करोड़ खर्च, फिर भी पढ़ाई घटिया : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

लखनऊ। प्रदेश में शिक्षा के बजट एक लाख 25 हजार करोड़ रुपये में से 36 हजार करोड़ रुपये सिर्फ परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों के वेतन पर खर्च होते हैं। इसके बावजूद सूबे में बेसिक शिक्षा की गुणवत्ता अच्छी न होना दुखद है। ये कहना है मुख्य सचिव आलोक रंजन का। वे शनिवार को विश्वेसरैया सभागार में प्रदेश सरकार व आई केयर संस्था की ओर से आयोजित ‘100 सरकारी प्राथमिक स्कूलों का रूपांतरण’ विषयक कार्यशाला को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।
परिषदीय स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार न होने पर नाराजगी जताते हुए उन्होंने कहा कि अन्य नौकरियों के मुकाबले शिक्षकों को बहुत अच्छा वेतन दिया जा रहा है।
इसके बावजूद शिक्षा की गुणवत्ता न सुधरना बड़ा सवाल खड़ा करता है। इस स्थिति को देखते हुए अब शिक्षा अधिकारियों को एक प्रोफॉर्मा दिया जाएगा जिसे निरीक्षण के दौरान उन्हें भरना होगा। निरीक्षण में अब शिक्षकों की भी जिम्मेदारी तय की जाएगी।
इसके अलावा उन्होंने परिषदीय स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता खराब होने के पीछे आरटीईके तहत आठवीं तक बच्चों को फेल न करने के प्रावधान को भी जिम्मेदार ठहराया। कहा कि बच्चे फेल भले ही नहीं किए जाएं, लेकिन उनके ज्ञान के स्तर की जानकारी होनी चाहिए। इसलिए प्र्रदेश में पुरानी परीक्षा प्रणाली लागू की जा रही है।

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