पीलीभीत - फर्जी प्रमाणपत्रों के सहारे नौकरी कर रहे तीन शिक्षमित्रों का फर्जीवाड़ा
उनके सहायक शिक्षक बनने के बाद सामने आया है। शिक्षक बनने के बाद इनके
प्रमाणपत्रों का सत्यापन कराया गया तो एक की हाईस्कूल, दूसरे की इंटर और
तीसरे की बीए की मार्कशीट फर्जी निकली है। अपना पक्ष रखने के लिए विभाग ने
तीनों को सात दिन का समय दिया है। तीनों शिक्षामित्र दूसरे बैच के हैं।
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दूसरे बैच के शिक्षामित्रों को समायोजित करने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग
ने इनके प्रमाणपत्रों को सत्यापन के लिए संबंधित शिक्षा बोर्ड व
विश्वविद्यालयों को भेजा था। सत्यापन में तीन शिक्षामित्रों की मार्कशीट
फर्जी पाई गई है। इनमें एक शिक्षामित्र बिलसंडा निवासी जयराम बीसलपुर के
भैनपुर प्राइमरी स्कूल में शिक्षामित्र थे। समायोजन के बाद इन्हें प्राइमरी
स्कूल बौनी में तैनाती मिली। माध्यमिक शिक्षा परिषद के क्षेत्रीय कार्यालय
बरेली ने इनकी इंटर की मार्कशीट को फर्जी बताया है। रिपोर्ट के अनुसार,
इन्होंने 1996 में जिस रोलनंबर से इंटर किया, वह रोल नबर इस वर्ष किसी का
है ही नहीं।
दूसरे शिक्षामित्र पूरनपुर निवासी श्रीकृष्ण भीमपुर नौगवां प्राथमिक स्कूल में शिक्षमित्र थे। समायोजन के बाद इन्हें पिपरिया संतोष प्राइमरी स्कूल में तैनाती मिली। रुहेलखंड विवि ने सत्यापन में इनकी बीए की मार्कशीट को फर्जी बताया है। 2002 की इनकी मार्कशीट प्रथम श्रेणी की है, जबकि रिपोर्ट के मुताबिक उस साल इस नाम के किसी भी छात्र ने परीक्षा ही नहीं दी थी।
तीसरी शिक्षामित्र पूरनपुर की ही चित्रा देवी प्राथमिक स्कूल हरिपुर फुलहर में शिक्षामित्र थीं। सहायक शिक्षक बनने पर इन्हें प्राथमिक स्कूल गौहरपुर फुलहर में तैनाती मिली। इनकी हाईस्कूल की मार्कशीट 1988 की है। इसका रोलनंबर 1816267 है। सत्यापन रिपोर्ट में इस रोलनंबर की मार्कशीट को फेल बताया गया है।
तीनों शिक्षामित्रों से जवाब तलब
सत्यापन रिपोर्ट में फर्जी मार्कशीट वाले तीनों शिक्षामित्रों को अब विभाग ने नोटिस भेजा है। नोटिस में इनको अपना पक्ष रखने को सात दिन का समय दिया गया है। अगर यह शिक्षामित्र सही जवाब नहीं दे पाते हैं तो इनके खिलाफ विभाग एफआईआर दर्ज कराएगा।
बर्खास्तगी के साथ हो सकती है रिकवरी भी
फर्जी मार्कशीट के सहारे वर्षों से नौकरी कर रहे तीनों शिक्षामित्रों को फर्जीवाड़ा भारी पड़ सकता है। अगर नोटिस के तय समय में तीनों शिक्षामित्र अपना बचाव नहीं कर पाते हैं तो विभाग इनके खिलाफ एफआईआर तो दर्ज कराएगा ही, बर्खास्तगी की कार्रवाई भी करेगा। इसके बाद इनसे पूरे सर्विस काल में पाए गए वेतन व भत्तों की रिकवरी होगी।
दूसरे शिक्षामित्र पूरनपुर निवासी श्रीकृष्ण भीमपुर नौगवां प्राथमिक स्कूल में शिक्षमित्र थे। समायोजन के बाद इन्हें पिपरिया संतोष प्राइमरी स्कूल में तैनाती मिली। रुहेलखंड विवि ने सत्यापन में इनकी बीए की मार्कशीट को फर्जी बताया है। 2002 की इनकी मार्कशीट प्रथम श्रेणी की है, जबकि रिपोर्ट के मुताबिक उस साल इस नाम के किसी भी छात्र ने परीक्षा ही नहीं दी थी।
तीसरी शिक्षामित्र पूरनपुर की ही चित्रा देवी प्राथमिक स्कूल हरिपुर फुलहर में शिक्षामित्र थीं। सहायक शिक्षक बनने पर इन्हें प्राथमिक स्कूल गौहरपुर फुलहर में तैनाती मिली। इनकी हाईस्कूल की मार्कशीट 1988 की है। इसका रोलनंबर 1816267 है। सत्यापन रिपोर्ट में इस रोलनंबर की मार्कशीट को फेल बताया गया है।
तीनों शिक्षामित्रों से जवाब तलब
सत्यापन रिपोर्ट में फर्जी मार्कशीट वाले तीनों शिक्षामित्रों को अब विभाग ने नोटिस भेजा है। नोटिस में इनको अपना पक्ष रखने को सात दिन का समय दिया गया है। अगर यह शिक्षामित्र सही जवाब नहीं दे पाते हैं तो इनके खिलाफ विभाग एफआईआर दर्ज कराएगा।
बर्खास्तगी के साथ हो सकती है रिकवरी भी
फर्जी मार्कशीट के सहारे वर्षों से नौकरी कर रहे तीनों शिक्षामित्रों को फर्जीवाड़ा भारी पड़ सकता है। अगर नोटिस के तय समय में तीनों शिक्षामित्र अपना बचाव नहीं कर पाते हैं तो विभाग इनके खिलाफ एफआईआर तो दर्ज कराएगा ही, बर्खास्तगी की कार्रवाई भी करेगा। इसके बाद इनसे पूरे सर्विस काल में पाए गए वेतन व भत्तों की रिकवरी होगी।
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