Breaking Posts

Top Post Ad

अच्छी पोस्ट शिक्षा मित्रों का संक्षिप्त इतिहास : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

मित्रो आज शिक्षा मित्र का जितना घोर अपमान किया जा रहा है मानव सभ्यता कभी किसी शिक्षक का नही की किया गया है।यह तक की नादिर शाह तैमूर लंग जैसे निर्दयी शासक ने भी शिक्षक का ऐसा अपमान नही किया था ।इस परस्थिति के लिये लम्बा वक्त जिम्मेदार है ।
शिक्षा मित्र योजना माँ कल्याण सिंह की कल्पना थी कल्याण सिंह प्राथमिक शिक्षा को सुधारना चाह रहे थे परन्तु शिक्षक उनके अनुरूप नही चल प् रहे थे ।अंत में कल्याण सिंह ने शिक्षक पद को मृत कैडर घोषित कर दिया तथा उनके स्थान पर शिक्षा मित्र को रखने की योजना बनाई ।शिक्षको द्वारा तीव्र विरोध किया गया ।लगभग 49 दिन विद्यालय बंद रहे लेकिन कल्याण सिंह जी नही माने ।जब माँ राजनाथ सिंह मुख्य मंत्री बने उस समय शिक्षक संघ के साथ समझौता किया गया उससे शिक्षक पद को पुनः बहाल किया गया तथाशिक्ष मित्र को मात्र सामुदायिक सहभागिता तक सीमित किया गया ।शिक्षक संघ के दबाव में शिक्षक व् शिक्षा मित्र का अनुपात 3:2 रख दिया गया ।उसके बाद आने वाली सभी सरकार कल्याण सिंह से बैर भाव रखती थी वह सब वैर शिक्षामित्र से निकालती रही ।उधर शिक्षक संघ जन्म के समय से विरोधी था ।शिक्षा मित्र की स्थिति जल में रह कर मगरमच्छ से बैर वाली हो गयी ।धीरे धीरे इनका खून चूस जाता रहा परन्तु शिक्षा मित्र अपने कार्यो के बल पर बेसिक शिक्षा में स्थान बनाते रहे।विभाग के लिये शिक्षा मित्र मजबूरी बन गए ।उधर शिक्षा मित्र में नेतृत्व का दौर चालू हुआ जो समस्याओं से कम अपने ज्यादा लड़ता रहा ।जब किसी अधिकारी व् नेता से मिलता है तो कितनी समस्या उसके सामने रख सके इस पर ध्यान न देकर कितना स्टक फोटो इनके साथ मिल सकता है इस पर ध्यान देने लगा।शिमित्र हार्ट गए लेकिन नेतृत्व ने उसे विजय साबित किया हमारा मानदेय शुरू में शिक्षक के वेतन का 50%था वह मात्र शिक्षक के वेतन का 10% बचा ।शिक्षा मित्र तनाव ग्रस्त होते गए और अपने जीवन को दाव पर लगाते गए। अंततः वर्तमान सरकार ने समायोजन का एजेंडा दिया ।हमारा नेतृत्व हर कार्य का श्रेय लेने का प्रयास किया किन्तु यह भी नही देखा की जब ट्रेनिग कु अनुमति मात्र 124000 हजार की मिली है तो उससे अधिक के लिये फिर अनुमति ली गयी या नही ।दूसरी तरफ हमारे विरोधी पूर्ण रणनीति से काम करते रहे ।हमारे विरोधी मात्र मिहर है उनके पीछे पूर्व से विरोध करने वाली शक्ति व् प्रायवेट विद्यालयो का मैनेज मेंट है ।हमे ज्ञात रखना होगा इसमें बड़े बड़े नेता अधिकारी व् मंत्री शामिल हैजिनको अपने विद्यालय चलाने की चिंता है ।वे अपने विद्यालय के लिये चिंतित है की यदि शिक्षा मित्र शिक्षक बन गए तो हमारे विद्यालय में कौन पढने आएगा।दूसरी तरफ हमारा नेतृत्व मतर्ल्डने का नाटक करता रहा यह तक किजीवन मरण के केश में मात्र फेस बुक पर वकील रख कर लड़ाई निपटा लिया ।आज हबल मजबूरी का लाभ उठाया जा रहा है ।अब समय है कानूनी जानकारों की एक टीम बना क्र पूर्ण पारदर्शिता से लड़ा जाय ।हमे अब अपने ऊपर किसी दल का चस्पा नही लगने देना चाहिये कोर्ट में केंद्र की एजेंसी ने पूर्ण विरोध किया इसका कारण संगठन द्वारा बूथ एजेंट जैसा व्यवहार करना था ।सभी शिक्षा मित्र अपने हितैसी को बिना एजेंट बने भी जान सकते थे परन्तु निजी लाभ के लिये ऐसा किया गया ।आज हम लोग यदि समझ क्र आगे नही बढे तो स्थिति और खराब हो जायगी ।माननीय प्रधान मंत्री व् मानव संसाधन मंत्री ने बुलाया है कई नेता भी साथ देने को तैयार है ।यदि धरने का निर्णय ले ही लिया गया है तो सभी लोग निश्चित क्र ले उनका सांसद साथ रहे ।यदि 60 सांसद साथ दिखे तो अच्छा रहेगा ।


सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC

Facebook