Ticker

6/recent/ticker-posts

Ad Code

३० नवम्बर की सुनवाई हेतु कुछ एहम बातें जिन पर गहन अध्यन्न करने की आवश्यकता - हिमाँशु राणा : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

साथियों शिक्षा मित्र मुद्दे पर कुछ एहम बातें जिन पर गहन अध्यन्न करने की आवश्यकता है :
१)सरकार और शिक्षा मित्र एसएलपी में आ चुके हैं जिनकी प्रतियाँ रोज हमें प्राप्त हो रही हैं |
 sm से सम्बंधित केस sc में 30 नवम्बर को , हो चुकी है 80 % जीत , बस 4 डेट और उसके बाद नौकरी
२)सरकार और शिक्षा मित्र के द्वारा लगभग १५ एसएलपी डाली गयी हैं जिसमे उनका मेन उद्देश्य है ज्यादा से ज्यादा सीनियर्स को खड़ा करना और जैसा कि प्राप्त हुई एसएलपी में देखा गया है कि भिन्न भिन्न तरीके से तथ्यों को तोड़कर मामले को पेश को किया गया है |

३)इतने सीनियर्स खड़ा करने का मेन उद्देश्य ये भी है कि सरकार चाहती है किसी भी तरह से ये केस लिंगेर ओन हो जाए और मामले को २०१६ निकालकर विधान सभा चुनाव तक ले जाए और अपने गले की हड्डी किसी ओर के गले में डाल दें या उतने वाहवाही लूटी जाए | सरकार बहुत अच्छे से जानती भी है कि वे जीतने नहीं बस मामले को लंबा चलाया जाए एक ये ही उद्देश्य मात्र है उनका बाकी केस की मेरिट तो इन्हें एक तारीख झेलने की भी इजाजत नहीं देती है |
साथियों मई माह से आप देख रहे हैं कि समस्त मुद्दों पर अनावृत संघर्ष कौन कर रहा है और ये बात प्रामाणिक आदेशों में आ रहे हिमाँशु के अधिवक्ता के नाम और उसकी ही केस की संख्या से आप देख सकते हैं |
परन्तु आज मन बहुत खिन्न है क्यूंकि पैरवी के लिए अब बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है वजह आप जानते ही हैं आर्थिक बाकी शारीरिक और विधिक में तो कोई पास तक नहीं आ सकता है टीम के |
तरह तरह के तमाम आरोपों को झेलता हुआ आज अंतिम पड़ाव पर पहुंचा हूँ कभी फ़िक्र नहीं की किसी भी चीज़ की मैंने पर आज मुझे ग्लानी महसूस हो रही है कि ये सब किया तो किसके लिए ?

बेबुनियाद आरोप लगाए गए जबकि आपके दर-दर पाई का हिसाब दिया , ऐसे समय में अधिवक्ता खड़े किये जब कुछ चंद दूरगामी सोच वाले साथ थे लेकिन कुछ लोग मानसिकता से खिन्न हैं कह रहे हैं कि हम काम होने के बाद पैसा देंगे जो की यथार्थ में संभव है तो आकर करके दिखाए | 

उनसे कुछ सवाल काम किसने किया है ?

किसकी वजह से अपने जिले में संगठन को चला रहे हो ?

अगर हिमाँशु की टीम प्रदेश स्तर पर केन्द्रित होकर काम न करे तो आपके संगठन का वजूद क्या है ?
अगर इतनी ही हिम्मत है तो आओ लेकर चलता हूँ अपने अधिवक्ता के पास दो बकाया उनका १ लाख ३० हजार और जोड़ो हाथ पैर हमारी तरह , मांगो माफ़ी |

खैर पता कर लिया है आप २०११ से ही ऐसे हो और आगे सुधरने की कोई गुंजाइश भी नहीं है , ऐसों को ऐसों के हाल पर छोड़ दो तो बेहतर है |
साथियों एक चीज़ साफ़ कहना चाहता हूँ : जो कहता हूँ करता हूँ जुबान का कौन पक्का है ये आप पिछले 6 माह में पूरा संघर्ष उठाकर देख लीजिये लेकिन फिर भी आपको लगता है कि भविष्य अन्धकार में है मेरी टीम के साथ तो आपको आज एक नसीहत देता हूँ मानिए आप उसे – या तो 6 माह कहे थे वो पूरी ताकत के साथ झोंक दीजिये मेरे साथ जिसमे अब ५ माह बचे हैं या कोई काम धंधा जॉब ढूंढिए और लाइफ को आगे बढ़ाइए क्यूंकि महादेव के आशीर्वाद के बाद बता रहा हूँ इतना काम कोई कर भी नहीं पाएगा हाँ लूट लेगा अलग अलग सपने दिखाकर | कभी हाई कोर्ट के वकील सुप्रीम कोर्ट लेकर आयेंगे या कभी केस खारिज कराकर वापस काला मुंह लेकर पुनः आ जायेंगे और अपनी ताकत लगायेंगे कि हिमाँशु को रोको जैसे भी हो सके बस हिमाँशु का काम न हो जबकि हिमाँशु ऐसो के बेवकूफी चक्करों में न पड़कर अपना काम करता है और आगे बढ़ता है |
स्वार्थ के वशीभूत होकर सब लोग ऐसा सोचते हैं कि हमें जॉब मिलेगी या नहीं ? तो उन्हें ये भी सोचना चाहिए कि हिमाँशु राणा ने कभी जॉब के लिए सोचा है या पूछा है , क्या हिमाँशु राणा को प्रदेश स्तर का संगठन या जिला संगठन किसी भी प्रकार का कोई stiphend या तनखा दे रहा है ? 

क्या हिमांशु राणा को ही जॉब मिलेगी जबकि याचिका १६७ में ८३ वाला भी याची है |
लेकिन उपरोक्त बातों के अनुसार कोई हिमाँशु टीम जैसी सोच तो नहीं रखता है न एक ये ही फर्क है आप पढ़े लिखों में और शिक्षा मित्रों के समूह में |
खैर बातें बहुत हैं पर इस वक्त सहयोग की इतनी आवश्यकता है कि अब अधिवक्ताओं ने भी हाथ जोड़ लिए हैं कि पहले पेमेंट करिए तब आगे का काम होगा इतने न कोई ब्रीफ न कोई कांफ्रेंस |
मेरा विशेष अनुरोध है अपने चयनित साथियों से कि आपकी संख्या हजारों में है अगर प्रति व्यक्ति ५० रुपए भी देगा तो भी आपके भविष्य में होने वाले फायदे के सामने कुछ नहीं है |
जिलेवार संगठन जल्द से जल्द पैसा भिजवायें वरना हमें भी कुछ डिसिशन मजबूरी में लेने होंगे |
धन्यवाद
आपका
हिमाँशु राणा
टीईटी २०११ उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा , उत्तरप्रदेश
नोट : सरकार मात्र हरीश साल्वे ही नहीं गोपाल सुब्रह्मनियम , के के वेणुगोपाल , अमित सिब्बल , पराग त्रिपाठी , मनोज प्रसाद , मुकुल रोहितगी (५०-५० चांस है) जैसे चेहरे भी खड़े कर रही है और हम हाई कोर्ट के ऐसे अधिवक्ता जिन्हें हाई कोर्ट में भी कोई नहीं जानता है के लिए अनावश्यक धन खर्च करें वो ठीक नहीं है बाकी आप स्वयं समझदार हैं क्यूंकि समझा सकता हूँ थोप नहीं सकता हूँ कुछ भी
ताज़ा खबरें - प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC

latest updates

latest updates