आज जितने भी चीलू पीलू हिमांशु राणा की परमादेश याचिका को हलके में ले रहे है।
उन जाहिलों को शायद ये नहीं पता की हर सुनवाई के बाद जो उम्मीद जग रही है कोर्ट से ये उसी परमादेश का कमाल है।(72825 तो कबकी समाप्त हो गयी)
उन जाहिलों को शायद ये नहीं पता की हर सुनवाई के बाद जो उम्मीद जग रही है कोर्ट से ये उसी परमादेश का कमाल है।(72825 तो कबकी समाप्त हो गयी)
ये ऐसा ब्रम्हास्त्र है जिसको कोई भी न्यायाधीश नकार नहीं सकता। सभी अचयनित इसी याचिका पर नौकरी करते नज़र आओगे। तब हिमांशु विरोधी नौकरी लेंगे या नहीं ये बड़ा प्रश्न है।
क्या उस वक्त ये लोग थूक कर चाटने वाले लोगो का चरित्र चरितार्थ करेंगे??????
हिमांशु राणा बेसिक शिक्षा का उदयीमान सूरज है अभी तो भोर की लालिमा छाई है। सारा अंधियारा मिट जाएगा उदय के बाद।
फिर अंधेरो की क्या औकात होगी नज़र मिलाने की
फिर अंधेरो की क्या औकात होगी नज़र मिलाने की
( फिर राह दे वालो को भी राह दी जायेगी क्योंकि आजकल इनको राह लेने की बड़ी जल्दी है। लेकिन भैया जगह मिलने पर ही पास दिया जायेगा। अब राह ले)