बेसिक शिक्षा विभाग को कोर्ट के आदेश की प्रति मिलने का इंतजार : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

शिक्षामित्रों को जगी वेतन की आस
आदेश के कानूनी अध्ययन के बाद ही कोई फैसला करेगा विभाग
राज्य ब्यूरो, लखनऊ : सहायक अध्यापक पद पर शिक्षामित्रों के समायोजन को रद करने वाले इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से लगाई गई अंतरिम रोक पर शिक्षामित्रों को ढांढ़स बंधा है। उन्हें लगता है कि यह अंतरिम रोक उनके रुके हुए वेतन के भुगतान का रास्ता साफ करेगी।


हालांकि बेसिक शिक्षा विभाग के आला अधिकारी इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश की प्रति मिलने का इंतजार कर रहे हैं। सचिव बेसिक शिक्षा आशीष गोयल ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की प्रति मिलने के बाद उसका विधिक अध्ययन कराया जाएगा। उसके आधार पर ही विभाग शिक्षामित्रों को वेतन का भुगतान करने के बारे में कोई निर्णय करने की स्थिति में होगा। 12 सितंबर को हाई कोर्ट का आदेश आने के बाद से ही सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित किये गए तकरीबन 1.36 लाख शिक्षामित्रों को वेतन का भुगतान नहीं हुआ है। वे पिछले तीन महीने से वेतन से वेतन से वंचित हैं। हालांकि शिक्षामित्रों को वेतन का भुगतान हाई कोर्ट के आदेश के चलते अघोषित तौर पर रुका हुआ है। हाई कोर्ट के आदेश के परिप्रेक्ष्य में तत्कालीन प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा डिंपल वर्मा ने शिक्षामित्रों को वेतन का भुगतान रोकने का आदेश दिया था, लेकिन अगले ही दिन शासन ने अपने उस आदेश को वापस ले लिया था। इस बीच सरकार ने उन शिक्षामित्रों को मानदेय का भुगतान करने के लिए जरूर धनराशि जारी की जिनका सहायक अध्यापक के पद पर अब तक समायोजन नहीं हुआ है। आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष जितेंद्र शाही, प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के अध्यक्ष गाजी इमाम आला और उप्र दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के अध्यक्ष अनिल कुमार यादव ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत किया है।
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