इलाहाबाद,समाचार जासं, इलाहाबाद : अभिभावकों का बोझ राज्य सरकार कम करने जा रही है। अब
परिषदीय स्कूल में पढ़ रहेअपने बच्चों के लिए उनको स्कूली बस्ता खरीदने की
जरूरत नहीं होगी। प्रदेश सरकार जल्द ही स्कूली बच्चों को बैग बांटने वाली
है। विभागीय स्तर पर तैयारियां शुरू हो गई हैं।
योजना को अमली जामा पहनाने के लिए प्रदेश भर के परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के आंकड़े जुटाए जा रहे हैं। बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव ने बैग वितरण का प्रस्ताव मुख्यमंत्री को भेज दिया है। जल्द ही प्रस्ताव को हरीझंडी मिलने की संभावना है।बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को मुफ्त शिक्षा के साथ हीशिक्षण सामग्री दी जा रही है। ताकि अधिक से अधिक बच्चों को शिक्षा उपलब्ध कराई जा सके। अभी तक बच्चों को पाठ्य पुस्तकें ही स्कूलों में मिलती थी, लेकिन राज्य सरकार इसका दायरा बढ़ाने के मूड में है। इसी कड़ी में स्कूली बैग देने की योजना बनाई गईहै। योजना के क्रियान्वित होने से अभिभावकों को लाभ होगा। बच्चों के लिए बस्ता खरीदने से उन्हें मुक्ति मिलेगी। बेसिक शिक्षा अधिकारी राजकुमार के मुताबिक कई बच्चों के पास उचित बैग नहीं होता और अक्सर बच्चे विविध तरीके के स्कूली बैग लेकर स्कूल आते हैं। इससे बच्चों में हीनता का भाव जागृत होता है। एक जैसा बैग होने पर उनमें यह भाव नहीं पनपेगा। बताया कि शासन स्तर पर तैयारियां शुरू हो गई हैं। जल्द ही शासनादेश जारी होने की संभावना जताई जा रही है।
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योजना को अमली जामा पहनाने के लिए प्रदेश भर के परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के आंकड़े जुटाए जा रहे हैं। बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव ने बैग वितरण का प्रस्ताव मुख्यमंत्री को भेज दिया है। जल्द ही प्रस्ताव को हरीझंडी मिलने की संभावना है।बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को मुफ्त शिक्षा के साथ हीशिक्षण सामग्री दी जा रही है। ताकि अधिक से अधिक बच्चों को शिक्षा उपलब्ध कराई जा सके। अभी तक बच्चों को पाठ्य पुस्तकें ही स्कूलों में मिलती थी, लेकिन राज्य सरकार इसका दायरा बढ़ाने के मूड में है। इसी कड़ी में स्कूली बैग देने की योजना बनाई गईहै। योजना के क्रियान्वित होने से अभिभावकों को लाभ होगा। बच्चों के लिए बस्ता खरीदने से उन्हें मुक्ति मिलेगी। बेसिक शिक्षा अधिकारी राजकुमार के मुताबिक कई बच्चों के पास उचित बैग नहीं होता और अक्सर बच्चे विविध तरीके के स्कूली बैग लेकर स्कूल आते हैं। इससे बच्चों में हीनता का भाव जागृत होता है। एक जैसा बैग होने पर उनमें यह भाव नहीं पनपेगा। बताया कि शासन स्तर पर तैयारियां शुरू हो गई हैं। जल्द ही शासनादेश जारी होने की संभावना जताई जा रही है।
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