उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने लोअर सबऑर्डिनेट-2015 प्रारंभिक परीक्षा की
उत्तर कुंजी सोमवार को जारी कर दी। कोई जवाब सही नहीं होने या अन्य कारणों
से आयोग ने चार प्रश्नों को बाहर कर दिया है। उत्तर कुंजी पांच फरवरी तक
आयोग की वेबसाइट पर रहेगी।
निर्धारित प्रोफार्मा में अभ्यर्थी छह फरवरी तक आपत्ति दर्ज करा सकते हैं।
प्रारंभिक परीक्षा 17 जनवरी को हुई थी, जिसके 15 दिन बाद आयोग ने उत्तर कुंजी जारी कर दी। ऐसा पहली बार हो रहा है जब आयोग ने बिना आपत्ति लिए उत्तर कुंजी के साथ ही चार प्रश्नों को बाहर कर दिया है।
आयोग के जवाब को लेकर लगातार आपत्ति उठती रही है। इसकी वजह से कई बार दोबारा रिजल्ट घोषित करना पड़ा। अनिल यादव के समय में इस तरह की शिकायत अधिक रही। इसके मद्देनजर नए अध्यक्ष डॉ. सुनील कुमार जैन ने मूल्यांकन की प्रक्रिया बदल दी। अब हर परीक्षा के लिए एक्सपर्ट के दो पैनल बनाए जाने लगे हैं। इसका असर भी दिखा और आयोग ने गलत जवाब वाले चार प्रश्नों को पहले ही बाहर कर दिया। इससे अभ्यर्थियों को गलत जवाब संबंधी शिकायत से काफी राहत मिलने की बात कही जा रही है। ये चारों प्रश्न हैं, ‘1937 के चुनाव में कितने प्रांतों में कांग्रेस का मंत्रीमंडल बना था’, ‘दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना किसके लिए प्रारंभ की गई’, ‘भारत हैवी इलेक्ट्रानिक्स की ओर से आठ अगस्त 2015 को तापीय उपकेंद्र का शुभारंभ कहां हुआ था’ और ‘निन्नलिखित में किस राज्य में राज्यपाल शासन के अधिवेशन का प्रावधान नहीं है।’ हालांकि, आयोग की ओर से उठाए इस कदम के बावजूद कई प्रश्नाें के जवाब पर प्रतियोगियों ने आपत्ति जतानी शुरू कर दी है। उन्हें दो प्रश्नों के जवाब पर आपत्ति है। उनके अनुसार एक प्रश्न का जवाब संशोधित भी किया गया है। प्रतियोगियों का कहना है कि पीसीएस-जे परीक्षा में उसका जवाब दूसरा था।
अभ्यर्थी निर्धारित प्रोफार्मा में 6 फरवरी तक कर सकेंगे आपत्ति
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निर्धारित प्रोफार्मा में अभ्यर्थी छह फरवरी तक आपत्ति दर्ज करा सकते हैं।
प्रारंभिक परीक्षा 17 जनवरी को हुई थी, जिसके 15 दिन बाद आयोग ने उत्तर कुंजी जारी कर दी। ऐसा पहली बार हो रहा है जब आयोग ने बिना आपत्ति लिए उत्तर कुंजी के साथ ही चार प्रश्नों को बाहर कर दिया है।
आयोग के जवाब को लेकर लगातार आपत्ति उठती रही है। इसकी वजह से कई बार दोबारा रिजल्ट घोषित करना पड़ा। अनिल यादव के समय में इस तरह की शिकायत अधिक रही। इसके मद्देनजर नए अध्यक्ष डॉ. सुनील कुमार जैन ने मूल्यांकन की प्रक्रिया बदल दी। अब हर परीक्षा के लिए एक्सपर्ट के दो पैनल बनाए जाने लगे हैं। इसका असर भी दिखा और आयोग ने गलत जवाब वाले चार प्रश्नों को पहले ही बाहर कर दिया। इससे अभ्यर्थियों को गलत जवाब संबंधी शिकायत से काफी राहत मिलने की बात कही जा रही है। ये चारों प्रश्न हैं, ‘1937 के चुनाव में कितने प्रांतों में कांग्रेस का मंत्रीमंडल बना था’, ‘दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना किसके लिए प्रारंभ की गई’, ‘भारत हैवी इलेक्ट्रानिक्स की ओर से आठ अगस्त 2015 को तापीय उपकेंद्र का शुभारंभ कहां हुआ था’ और ‘निन्नलिखित में किस राज्य में राज्यपाल शासन के अधिवेशन का प्रावधान नहीं है।’ हालांकि, आयोग की ओर से उठाए इस कदम के बावजूद कई प्रश्नाें के जवाब पर प्रतियोगियों ने आपत्ति जतानी शुरू कर दी है। उन्हें दो प्रश्नों के जवाब पर आपत्ति है। उनके अनुसार एक प्रश्न का जवाब संशोधित भी किया गया है। प्रतियोगियों का कहना है कि पीसीएस-जे परीक्षा में उसका जवाब दूसरा था।
अभ्यर्थी निर्धारित प्रोफार्मा में 6 फरवरी तक कर सकेंगे आपत्ति
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