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Zee जानकारी : वेतन में 23 प्रतिशत की भारी वृद्धि, फिर हड़ताल की धमकी क्यों?

आचार्य चाणक्य कहना था कि व्यक्ति की जितनी आय हो, उसी में संतोष रखना चाहिए और ज्यादा धन के लालच में नहीं पड़ना चाहिए। लेकिन लगता है कि हमारे देश के बहुत से सरकारी कर्मचारी चाणक्य के इस महामंत्र को नहीं मानते।
केन्द्र सरकार ने सातवें वेतन आयोग में सरकारी कर्मचारियों की तनख्वाह में साढ़े 23 फीसदी की बढ़ोत्तरी की है, लेकिन इस वृद्धि से भी कर्मचारी खुश नहीं हैं और हड़ताल पर जाने की चेतावनी दे रहे हैं।

- सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद अब सरकारी कर्मचारियों की तनख्वाह और पेंशन में 23.55% का इज़ाफा होगा। नया वेतन जनवरी 2016 से लागू माना जाएगा।

- सातवें वेतन आयोग का फायदा केन्द्र सरकार के 47 लाख कर्मचारियों और 53 लाख पेंशनर्स को मिलेगा। इसके बाद अब केन्द्र सरकार के कर्मचारियों की न्यूनतम आय 7000 रुपये से बढ़कर 18,000 रुपये हो जाएगी और न्यूनतम पेंशन 3500 रुपये से बढ़कर 9000 रुपये हो जाएगी जबकि अधिकतम आय 90 हजार रुपये से बढ़कर ढाई लाख रुपए हो जाएगी। इसके अलावा हर साल 3% के हिसाब से कर्मचारियों की सैलरी बढ़ेगी।

- सैलरी बढ़ाने से केंद्र सरकार पर 1 लाख 2 हजार करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा, जो भारत के कुल जीडीपी का 0.7% है।

- सरकार जो एरियर देगी उसकी वजह से भी 12 हज़ार 133 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ.. देश पर पड़ेगा।

- देश की अर्थव्यवस्था 8 प्रतिशत सालाना की दर से बढ़ाने में सरकारी कर्मचारियों की बढ़ी हुई तनख्वाह काफी कारगर साबित हो सकती है।

- एक अनुमान के मुताबिक इस वेतन वृद्धि के बाद देश के सरकारी कर्मचारी करीब 45 हज़ार करोड़ रुपए ज्यादा खर्च करेंगे और करीब 30 हज़ार करोड़ रुपये की बचत भी करेंगे।

- लोगों की बढ़ी हुई आय पर सरकार को ज्यादा Income Tax भी मिलेगा। सैलरी बढ़ने से consumer demand यानी उपभोक्ताओं की मांग बढ़ेगी और वस्तुओं की खरीदारी बढ़ने से excise duty का कलेक्शन भी बढ़ेगा।

- टीवी और फ्रिज जैसे consumer durables की demand सालाना 15% तक बढ़ सकती है।

- वाहन सेक्टर में 15 से 20 प्रतिशत की Growth के आसार हैं और रियल इस्टेट सेक्टर में भी मंदी वाले दिन खत्म हो सकते हैं।

- लेकिन बाजार में पैसा आने से महंगाई डेढ़ फीसदी तक बढ़ सकती है, क्योंकि demand बढ़ने से कीमतों में इज़ाफा भी होगा।

- केंद्रीय कर्मचारियों की यूनियन इसको अब तक का सबसे खराब pay कमीशन बता रही है।

- कर्मचारियों की मांग है कि न्यूनतम वेतन 18 हज़ार रुपये से बढ़ाकर 26 हज़ार रुपये की जाए।

- कर्मचारी यूनियन का कहना है कि allowance को जोड़ कर वेतन में 23 फीसदी की बढ़त है, लेकिन तकनीकी रूप से वेतन में 14 फीसदी की ही बढ़त हुई है।

- मांगे नहीं माने जाने पर 32 लाख सरकारी कर्मचारियों ने 11 जुलाई से हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है। अगर ऐसा होता है तो ये वर्ष 1974 के बाद देश में सरकारी कर्मचारियों की सबसे बड़ी हड़ताल होगी।

- सरकारी कर्मचारी 23 फीसदी से ज्यादा की सैलरी बढ़ने पर भी संतुष्ट नहीं हैं और हड़ताल पर जाने की धमकी दे रहे हैं, इसलिए आपको यहां पर ये भी जानना चाहिए कि इस देश के प्राइवेट सेक्टर में कितनी सैलरी बढ़ती है।

- Audit Firm Deloitte के एक सर्वे में उम्मीद जताई गई है कि 2016 में प्राइवेट सेक्टर में 10.7 प्रतिशत सैलरी बढ़ेगी। जो सरकारी कर्मचारियों के increment से करीब 13 फीसदी कम है।

- इसी सर्वे में ये बात भी सामने आई कि 2015 में प्राइवेट सेक्टर में औसतन सिर्फ 10.3 प्रतिशत सैलरी बढ़ी थी।

- आकंड़े बताते हैं कि भारत सरकार अपने कर्मचारियों के लिए Best employer है। इस तरह का Increment कहीं और नहीं मिलता लेकिन इसके बाद भी सरकारी कर्मचारी अपने increment से संतुष्ट नहीं होते हैं।

- सैलरी बढ़ने की बात हो रही है तो यहां पर हम आपको सरकारी कर्मचारियों की productivity यानी उत्पादकता बतानी भी ज़रूरी है।

- 2012 में Hong Kong की Political and Economic Risk Consultancy ने एक रिपोर्ट दी थी, जिसमें भारत की Bureaucracy को एशिया में सबसे ज्यादा खराब बताया गया था।

- एशिया के सरकारी कर्मचारियों को 1 से 10 के बीच नंबर दिये गए थे, इसमें 1 का मतलब ये था कि सरकारी कर्मचारी अच्छे हैं और 10 नंबर मिलने का मतलब था कि सरकारी कर्मचारी बहुत ख़राब है और इस रिपोर्ट में भारत के सरकारी कर्मचारियों का स्कोर 9.21 था।

- Indian Council for Research On International economic relations की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत की  सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत बांटे जाने वाले अनाज का 40 से 50 फीसदी हिस्सा बाज़ार में अवैध रूप से बेच दिया जाता है।

- भारत के सरकारी अस्पतालों का इतना बुरा हाल है कि 70 प्रतिशत लोग प्राइवेट अस्पतालों में अपना इलाज करवाते हैं। क्योंकि देश के ज़्यादातर सरकारी अस्पतालों में ना तो समय पर डॉक्टर मिलते हैं और ना ही दवाएं मिलती हैं।

- दिसंबर 2015 में खराब प्रदर्शन की वजह से केन्द्र सरकार ने 13 नौकरशाहों को बर्खास्त किया था और 45 नौकरशाहों की पेंशन काटी गई थी।

- मई 2016 में revenue service के 33 अफसरों को समय से पहले रिटायर कर दिया गया था क्योंकि वो ठीक से काम नहीं करते थे।

- पिछले दो वर्षों में अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए केन्द्र सरकार ने ग्रुप 'A' के 6 अफसरों समेत 72 अधिकारियों को नौकरी से बर्खास्त किया है।

- 2013 के Transparency international के Global corruption Barometer सर्वे में देश के 75% पुलिसकर्मी भ्रष्ट पाए गये थे।

- इसके साथ साथ देश के 65% नौकरशाह भ्रष्ट पाए गए जबकि शिक्षा विभाग के 61% कर्मचारी भ्रष्टाचार में लिप्त पाए गए। स्वास्थ्य विभाग के 56% कर्मचारी भ्रष्ट पाए गये।

- इस सर्वे में ये भी बताया गया कि लोगों ने किस विभाग को सबसे ज्यादा रिश्वत दी।

- देश के 62% लोगों ने पुलिस को अपने जीवन में कभी ना कभी रिश्वत दी है वहीं 61 प्रतिशत लोगों ने पंजीकरण विभाग को 48 फीसदी लोगों ने शिक्षा विभाग को 41 प्रतिशत लोगों ने टैक्स Department या फिर कस्टम Department को रिश्वत दी है और 34 प्रतिशत लोगों ने स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को कभी ना कभी रिश्वत दी है।

- भारत में हर कोई अपनी सैलरी तो बढ़वाना चाहता है.. लेकिन Income Tax कोई नहीं देना चाहता। देश के सिर्फ 4 फीसदी लोग ही income tax चुकाते हैं।

- वर्ष 2014-15 में सिर्फ 5 करोड़ 17 लाख लोगों ने अपना Income Tax Return भरा था। जो भारत की जनसंख्या का सिर्फ 4 फीसदी है।

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