सृजित होंगे राजस्व निरीक्षकों के 3633 पद, हर पांच लेखपाल पर राजस्व निरीक्षक का एक पद सृजित करने का इरादा

राज्य ब्यूरो, लखनऊ : राजस्व संहिता में राजस्व निरीक्षकों के बढ़े दायित्व और लेखपालों के लिए राजस्व निरीक्षकों के पद पर प्रोन्नति के अवसर बढ़ाने का इरादा। इन्हीं वजहों से राजस्व परिषद ने हर पांच लेखपालों पर राजस्व निरीक्षक का एक पद सृजित करने की मंशा जतायी है।
राजस्व परिषद ने शासन को प्रस्ताव भेजते हुए राजस्व निरीक्षकों के 3633 नये पद सृजित करने की सिफारिश की है। 1प्रदेश में लेखपाल के 31337 पद सृजित हैं। वहीं राजस्व निरीक्षक (क्षेत्रीय कार्य) के कुल स्वीकृत पदों की संख्या 2634 है।
राजस्व निरीक्षकों के पदों की संख्या कम होने के कारण 30 साल की सेवा के बाद भी लेखपालों की राजस्व निरीक्षक के पद पर प्रोन्नति नहीं हो पा रही है। हड़ताल कर रहे लेखपालों ने प्रोन्नति के अवसर न मिलने का मुद्दा भी उठाया है। वहीं राजस्व संहिता में लेखपालों के साथ राजस्व निरीक्षकों का कार्य दायित्व काफी बढ़ा दिया गया है। उन पर न सिर्फ आबादी का सर्वेक्षण कराने की जिम्मेदारी है, बल्कि मिलेजुले नंबरों वाले खातों के सभी खातेदारों के अंश दर्शाने की जिम्मेदारी भी उन पर डाली गई है। खतौनी के साथ ही नक्शे में भी खातेदारों के अंश का भौतिक विभाजन दर्शाने का दायित्व उन पर है। चुनाव ड्यूटी और भूलेखों के कंप्यूटरीकरण आदि कार्य बढ़ने के कारण भी उन पर काम का बोझ बढ़ा है। लिहाजा राजस्व परिषद ने राजस्व निरीक्षकों केपदों में वृद्धि करने के लिए प्रति पांच लेखपाल पर राजस्व निरीक्षक का एक पद सृजित करने का प्रस्ताव तैयार किया। अभी 12 लेखपालों पर राजस्व निरीक्षक का एक पद उपलब्ध है। ऐसे में राजस्व निरीक्षकों के कुल 6267 पदों की जरूरत होगी। पहले से सृजित 2634 पदों को देखते हुए 3633 अतिरिक्त पद सृजित करने होंगे।

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