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90 लाख रुपये ले चुके फर्जी शिक्षक, बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जीवाड़ा थम नहीं रहा

मैनपुरी: बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जीवाड़ा थम नहीं रहा। 2014 में हुई 149 शिक्षकों की भर्ती में भी नियम-कायदे ताख पर रख दिए गए। बगैर प्रमाण पत्र जांचे न केवल शिक्षकों का वेतन निकाल दिया गया, बल्कि उनका एरियर भी जारी कर दिया गया। 28 माह तक शिक्षकों ने वेतन लिया।
शिकायत पर जांच हुई, तो 13 शिक्षकों के शिक्षक पात्रता परीक्षा के प्रमाणपत्र ही फर्जी मिले। बगैर प्रमाण पत्र जांचे वेतन और एरियर निर्गत करने पर विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों पर ही शक की सुई घूम रही है। मामला सामने आने के बाद विभाग में खलबली मच गई है। फिलहाल जांच जारी है और कई अन्य शिक्षक भी इस फर्जीवाड़े में सामने आ सकते हैं। 1 वर्ष 2014 में जिले में दस हजार शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के तहत 149 शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी। तत्कालीन बीएसए प्रदीप कुमार ने 12 अगस्त 2014 को इन शिक्षकों को नियुक्ति पत्र जारी कर दिए। 1वेतन लगने से पहले इन शिक्षकों के शैक्षिक प्रमाण पत्रों की जांच विभागीय अधिकारी करते हैं। बिना जांच किए वेतन नहीं लगाया जा सकता, लेकिन तब जांच के नाम पर महज खानापूरी ही की गई। हाल ये हुआ कि बगैर प्रमाण पत्रों की जांच किए ही वेतन जारी कर दिया गया।

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