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शिक्षामित्र और टीईटी विवाद का 22/2/2017 को सुप्रीमकोर्ट की सम्पूर्ण सुनवाई का विस्तृत सार: पढ़ें कल क्यों नहीं हो सकी कोर्ट में केस की सुनवाई

दिनांक 22/2/2017  को  कोर्ट नं० २ में श्री दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन जजेज़ की खण्डपीठ में १०:४० ( लगभग  )पर उ० प्र० का बहुचर्चित मैटर ४३४७ शिवकुमार पाठक v/s स्टेट अॉफ यू पी जिसमें शिक्षामित्र सहित  टेट व अकेडमिक भर्तियों के कई मामले टैग थे ,आइटम नं० 7 पर लिस्टेड था
कोर्ट खचाखच भरा हुआ था पीठ ने बैठते ही आइटम नं० १ टेक अप किया अगले ही क्षण कोर्ट की नजर भारत के सुप्रसिद्ध महाधिवक्ता जेठमलानी जी  पर  पड़ी कोर्ट पूछा आप किस मैटर में एपियर्ड हैं
       संयुक्त सक्रिय टीम की तरफ से रखे गये इस महाधिवक्ता ने कोर्ट से कहा कि मैं शिक्षामित्रों के पक्ष से हूँ तथा यह विशिष्ट मैटर अलग करके नेक्स्ट डेट पर सुने जाने की मैं  प्रार्थना करता हूँ
         कोर्ट में पीठ की अध्यक्षता कर रहे माननीय मिश्रा जी ने कहा कि हमारे ब्रॉदर जज़ खानवलेकर जी इस मैटर से स्वयं को अलग रखना चाहते हैं अत: पीठ इस मैटर पर कोई आर्डर नहीं देसकती है तथा नयी बेंच के गठन हेतु रजिस्ट्री व c j i के द्वारा तिथि निर्धारित हो सकेगी

      इस पर कई अधिवक्ताओं ने अपना अपना समर्थन प्रकट किया
        तब शेखर नाफड़े जी ने टीम की योजना के मुताबिक अपना जलवा बिखेरना शुरू किया और कोर्ट के मैटर अडजर्न करने के बावजूद कोर्ट से कहा माई लॉर्ड
          Whole mater is moving arround tet 2011 & the said exaimination must be cancle due to varius irregulerties it may be possible any innocent be punished but I am sorry my Lord तब ही कोर्ट में उपस्थित tet पक्षीय अधिवक्ता ने कहा कि मैं रेस्पॉन्स करूँगा उसको कोर्ट ने रोककर नॉफड़े जी सुनना जारी रखा फिर कोर्ट ने स्वीकारोक्ति दोहराते हुए कहा की यह मैटर आज नहीं चल सकेगा कारण स्पष्ट किया जा चुका है प्लीज़ अब यदि कोई और आरग्यू करता है तो उसे अनकाइण्ड कहा जायेगा

      एक बार तो लगा कि कोर्ट यदि मैटर को पहले अडजर्न न किए होती तो टेट २०११ पूरी तरह बैकफुट पर था और टेट की तरफ से नॉफड़े सर से बहस करने वाला उनकी टक्कर का कोई अधिवक्ता भी नहीं था
         हम चाहते हैं कि टेट वाले भी अधिवक्ता लेकर आएं क्योंकि यदि कोर्ट फर्जीवाड़ा मैटर सुनने को जिस तरह सहमत है और जिस तरह हमारी तैयारी है टेट २०११ प्राथमिक स्तर का बचना लगभग नामुमकिन है पहले कुछ लोगों ने कहा कि फर्जीवाड़ा मैटर पर कोर्ट कुछ नहीं करेगाउन लोगों की  वह बात सही हो सकती है परन्तु उसका मार्ग एक ही है कि कोर्ट फर्जीवाड़ा मैटर सुनने से इंकार कर दे यदि सुना तो भारत के परमविद्वज्जन टेट२०११ धारक इतिहास बनकर रह जायेंगे

    संयुक्त सक्रिय टीम की तरफ से उपस्थित रहे अधिवक्ताओं की जानकारी आपको पहले ही दे दी गयी थी क्योंकि जब तक कोई अधिवक्ता हायर व पेड नहीं होता है तब तक संयुक्त सक्रिय टीम उस अधिवक्ता का नाम सोसल मीडिया में नहीं डालती है जितने अधिवक्ताओं को लाने की बात कही गयी थी सबको लाया गया पर गोपाल सर पुन: इस बार भी न आ सके

     शाही के साल्वे नहीं आ पाए अब हम शाही जी के गले के बारे में कुछ नहीं कहेंगे

    कॉफी प्रयास करने के बावजूद गाजी के पराग त्रिपाठी जी नहीं दिखे हाँ कोर्ट के बाहर पी चिदम्बरम सर केस निपटने के बाद कॉरिडोर में देखे गए 😃
      अंत में बस इतना कहना चाहता हूँ कि यदि सभी लोग संयुक्त सक्रिय टीम को मजबूती प्रदान करते रहे तो हमारे लिए परिणाम सुखद व विरोधियों के लिए परिणाम दुखद आने की प्रायिकता अधिक है सुनवायी किस दिन हो जाए यह भविष्य के गर्भ में है परन्तु मेरा मत है कि होली से पूर्व सहयोग एकत्र कर लिया जाए ताकि हम विषम परिस्थिति पर भी २ से ३ सीनियर रख सकें हम तो यहाँ तक कहते हैं कि सीनियर का पैसा एक सुनवायी का जमाकर ही होली मनाएं तो हमारे लिए ज्यादा अच्छा होगा
  संगठनों के बारे में सिर्फ इतना कहूँगा कि
  वही है चाल बेढंगी जो पहले थी वो अब भी है

        मंगल प्रसाद
     संयुक्त सक्रिय टीम

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