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फर्जी अभ्यर्थी पकड़ा, फिर नियुक्ति दे गए पूर्व बीएसए

जागरण संवाददाता, आगरा: बेसिक शिक्षा विभाग में पूर्व बीएसए और एक बाबू का बड़ा कारनामा सामने आया है। 16 हजार शिक्षक भर्ती में पूर्व बीएसए ने एक फर्जी अभ्यर्थी को पकड़ा था। उन्होंने इसकी वाहवाही भी लूटी थी, लेकिन बाद में उन्होंने उस फर्जी अभ्यर्थी को नियुक्ति दे दी।
इस मामले में पूर्व बीएसए के खिलाफ शिकायत हुई है।
पिछले साल 16448 शिक्षक भर्ती हुई। ये भर्ती प्रक्रिया पूर्व बीएसए धर्मेद्र सक्सेना ने पूरी कराई थी। नियुक्ति में गड़बड़ी की शिकायत में कहा गया है कि काउंसिलिंग के दौरान कार्यालय के बाबुओं से संजय कुमार नाम के एक अभ्यर्थी को पकड़ा था। इसके पास से फर्जी प्रमाण पत्र मिले थे। इसे बीएसए धर्मेद्र सक्सेना के पास ले जाया गया, उन्होंने इसे शाम तक अपने पास बैठाए भी रखा था। हालांकि बीएसए ने उसके प्रमाण पत्र अपने पास रख उसे शाम को जाने दिया था। शिकायतकर्ता ने साक्ष्य के रूप में समाचार पत्रों की कटिंग भी लगाई है। इसमें बीएसए ने अभ्यर्थी के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने की बात भी कही थी, लेकिन पूर्व बीएसए ने कुछ दिनों बाद ही संजय कुमार को गुपचुप तरीके से नियुक्ति पत्र जारी कर दिया। अब वो जगनेर ब्लॉक में तैनात है। आरोप है कि पूर्व बीएसए और पटल सहायक रक्षपाल सिंह ने मोटी रकम लेकर फर्जी अभ्यर्थी को नियुक्ति दी है। बीएसए दिनेश यादव का कहना है कि नियुक्ति की जांच कराई जाएगी।
बाबू पर लगाए कई आरोप

शिकायत में पटल सहायक पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उन पर नियुक्ति पत्र देने से लेकर वेरीफिकेशन तक में भ्रष्टाचार के आरोप हैं। बाबू के खिलाफ कई फर्जी अभ्यर्थियों को नौकरी देने का भी आरोप है।
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