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आगामी 22 फरवरी को फाइनल हियरिंग के दौरान निम्न बिन्दुवों का निस्तारण होना हैं...............

अक्षरशः ध्यानपूर्वक पढ़े! दि० 07 दिसम्बर 2015 को अकादमिक के अधिवक्ता श्री राकेश द्विवेदी व शिक्षामित्रों के विरुद्ध हमारे अधिवक्ता श्री आन्नद नंदन जी द्वारा केस की मेरिट (अकार्डिंग टू लॉ) के अनुरूप तत्काल
निस्तारित करने के दबाव के फलस्वरूप, स्टेट के सहमति जाहिर करने के उपरान्त कोर्ट द्वारा तत्समय उपलब्ध याचियों को अंतरिम व्यवस्था के तहत तदर्थ नियुक्ति प्रदान करने का आदेश हुवा था:-
"learned counsels submit that they represent approximately 1100 people and some arrangement should be made for them. On being asked, Mr. Vijay Bahadur Singh, learned Advocate General submitted that the State has no objection to offer them appointment on ad hoc basis subject to result of the special leave petitions. Let that be done within four weeks hence. Needless to say, no right shall accrue in their favour because of this order."

दि० 24 फरवरी 2016 को, कोर्ट के इस सीमित मूवमेंट से हमें अपनी रणनीतियों को तत्काल फेरबदल करना पड़ा और अपने अधिकतम साथियों को न्यायालय की चौखट पर पहुंचा कर उनकी पीड़ा और विधिक अधिकारों के अहित से न्यायालय को अवगत कराया! तत्पश्चात न्यायालय ने आपकी पीड़ा को समझा परन्तु स्टेट को एक लिस्ट तैयार कर, उक्त याचियों पर स्वतंत्र रूप से विचार (कंसीडर) करने हेतु निर्देशित किया:-
"The competent authority of the State Government shall consider
their cases individually on the parameters of the last order and
submit a report. The report shall indicate the marks obtained by
each of the candidates and also shall indicate how many persons
would be eligible to be appointed on ad hoc basis."

दि० 26.04.2016 को न्यायालय ने किसी भी अंतरिम आदेश से स्पष्ट मना कर अगली तिथि पर केस की मेरिट पर फाइनल करने की बात कही:-
It is hereby made clear that the date is fixed for hearing the case on merits on that day. No other interlocutory application or any other relief shall be entertained.

पुनः दि० 24 अगस्त 2016 को, कोर्ट को यह अवगत कराने पर कि न्यायालय द्वारा दि० 07.12.2015 व 24.12.2016 को पारित नियुक्ति और कंसीडर करने वाले आदेश का पूर्ण अनुपालन नहीं हुवा तब न्यायालय ने स्टेट से लिखित हलफनामा के माध्यम से स्पष्ट करने को कहा कि "स्टेट केसे उक्त आदेश को मूर्तरूप देने जा रही हैं? अथवा अनुपालन में किसी प्रकार की बाधा हैं?" साथ ही साथ स्पष्ट किया कि हलफनामे में आये हुए बिन्दुवों का निस्तारण 'फाइनल हियरिंग' के समय किया जायेगा!:-
"Mr.Dinesh Dwivedi, learned senior counsel shall file an affidavit of the competent authority, preferably the Secretary of the Department concerned, how they are going to comply with them or is there any real difficulty in complying with them. Be it clarified, the stand of the State shall be addressed only at the time of final hearing."

दि० 17.11.2016 को, कोर्ट ने फाइनल हियरिंग हेतु दि० 22.02.2016 तिथि निर्धारित करते हुए कहा कि टेट प्रमाणपत्र की वैधता खत्म होने इत्यादि पर उक्त तिथि पर विचार किया जायेगा! साथ ही साथ पुनः स्टेट को पूर्व में पारित आदेशों पर विचार करने हेतु सुझाव दिया:-
"On the earlier occasion, a direction was given that no further interlocutory application shall be entertained or no interim order shall be passed.The apprehension that the TET degree shall become extinct or it may lapse, the said facet shall be considered on the date when the final argument takes place. If there is anyone who is covered by the interim order and has not been granted the relief, the State Government shall consider the same in proper perspective by that time."

उपर्युक्त आदेशों के परिप्रेक्ष्य में स्टेट ने मुख्यतः "रिक्तियों के न होने" का हलफनामा सौपा हैं! अतः आगामी 22 फरवरी को फाइनल हियरिंग के दौरान अन्य सभी मामलों के अतिरिक्त याचियों के संदर्भ में निम्न बिन्दुवों का निस्तारण होना हैं:-
1. स्टेट के हलफनामे की विवेचना
2. याचियों के विधिक अधिकारों के अहित का निर्धारण
3. रिक्तियों की संख्या एवं व्यवस्था
4. टेट-2011 प्रमाणपत्र की वैधता
5. नियुक्ति के अवसर प्रदान करने का रोडमैप

उपरोक्त विषयों पर मेरी तैयारी लगभग पूर्ण हैं और निश्चित रूप से हम सब सफल रहेंगे! धन्यवाद्
_______आपका दुर्गेश प्रताप सिंह
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