गोंडा. सहायक अध्यापक पद पर समायोजन रद्द होने के बाद से शिक्षामित्र की आर्थिक स्थित डगमगा गई है। अब उन्हें अपना खर्च चलाने के लिए अतिरिक्त रकम की जरूरत पड़ रही है।
ऐसे ही एक शिक्षामित्र हैं दुबहा गांव के निवासी अनिल कुमार गुप्ता, जो करवा चौथ के दिन लाई-चूरा बेचते नजर आए। इतना ही नहीं इस दौरान वह लाई के बोरे भी अपनी पीठ पर भी लादकर ले गए।
कटरा बाजार शिक्षा क्षेत्र के ग्राम दुबहा बाजार निवासी अनिल कुमार गुप्ता शिक्षमित्र से समायोजित शिक्षक पद हेडमास्टर (ट्रेनिंग मास्टर) से दुबहा बाजार में लैया-चूरा बेच रहे हैं। इस दौरान उन्होंने जनता से भाजपा को वोट न देने की अपील की। लाई-चूरा की दुकान लगाए शिक्षामित्र अनिल गुप्ता ने कहा कि जो लाई-चूरा 45 रुपए प्रति किलो है, उसे 35 रुपए प्रति किलो की दर से ले जाओ। पैसा न हो तो फ्री में भी ले जाओ। लेकिन भाइयों-बहनों-बुजुर्गों से मेरा करबद्ध निबेदन है कि भाजपा (कमल) को वोट मत दो। उन्होंने कहा कि 'भाजपा भगाओ उत्तर प्रदेश बचाओ' का नारा भी दिया।
'सरकार ने शिक्षामित्रों को सड़क पर ला दिया'
सहायक अध्यापक से शिक्षामित्र के पद पर लौटे शिक्षामित्र अनिल कुमार गुप्ता ने कहा कि सरकार के फैसले ने उनके परिवार की नैया डगमगा दी है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का शिक्षामित्रों ने क्या बिगाड़ा था जो सरकार ने शिक्षामित्रों को सड़क पर ला दिया। पूर्ववर्ती अखिलेश सरकार में जिन शिक्षामित्रों को 35 हजार रुपए मिल रहा था, उन्हें अब महज 10 हजार रुपए ही मिलेगा।
'क्या यही हैं अच्छे दिन'
शिक्षामित्र अनिल कुमार गुप्ता ने कहा कि सभी शिक्षामित्रों ने शत-प्रतिशत सहयोग करके भाजपा की सरकार लाए थे। लेकिन हमें कतई आभास तक नहीं था कि अच्छे दिनों का वादा कर सत्ता में आई भाजपा सरकार शिक्षामित्रों के इतने बुरे दिन ले आएगी। उन्होंने कहा कि आज हर आदमी की जुबान पर एक ही सवाल है कि क्या उत्तर प्रदेश सरकार ने इन्हीं अच्छे दिनों का वादा किया था।
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ऐसे ही एक शिक्षामित्र हैं दुबहा गांव के निवासी अनिल कुमार गुप्ता, जो करवा चौथ के दिन लाई-चूरा बेचते नजर आए। इतना ही नहीं इस दौरान वह लाई के बोरे भी अपनी पीठ पर भी लादकर ले गए।
कटरा बाजार शिक्षा क्षेत्र के ग्राम दुबहा बाजार निवासी अनिल कुमार गुप्ता शिक्षमित्र से समायोजित शिक्षक पद हेडमास्टर (ट्रेनिंग मास्टर) से दुबहा बाजार में लैया-चूरा बेच रहे हैं। इस दौरान उन्होंने जनता से भाजपा को वोट न देने की अपील की। लाई-चूरा की दुकान लगाए शिक्षामित्र अनिल गुप्ता ने कहा कि जो लाई-चूरा 45 रुपए प्रति किलो है, उसे 35 रुपए प्रति किलो की दर से ले जाओ। पैसा न हो तो फ्री में भी ले जाओ। लेकिन भाइयों-बहनों-बुजुर्गों से मेरा करबद्ध निबेदन है कि भाजपा (कमल) को वोट मत दो। उन्होंने कहा कि 'भाजपा भगाओ उत्तर प्रदेश बचाओ' का नारा भी दिया।
'सरकार ने शिक्षामित्रों को सड़क पर ला दिया'
सहायक अध्यापक से शिक्षामित्र के पद पर लौटे शिक्षामित्र अनिल कुमार गुप्ता ने कहा कि सरकार के फैसले ने उनके परिवार की नैया डगमगा दी है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का शिक्षामित्रों ने क्या बिगाड़ा था जो सरकार ने शिक्षामित्रों को सड़क पर ला दिया। पूर्ववर्ती अखिलेश सरकार में जिन शिक्षामित्रों को 35 हजार रुपए मिल रहा था, उन्हें अब महज 10 हजार रुपए ही मिलेगा।
'क्या यही हैं अच्छे दिन'
शिक्षामित्र अनिल कुमार गुप्ता ने कहा कि सभी शिक्षामित्रों ने शत-प्रतिशत सहयोग करके भाजपा की सरकार लाए थे। लेकिन हमें कतई आभास तक नहीं था कि अच्छे दिनों का वादा कर सत्ता में आई भाजपा सरकार शिक्षामित्रों के इतने बुरे दिन ले आएगी। उन्होंने कहा कि आज हर आदमी की जुबान पर एक ही सवाल है कि क्या उत्तर प्रदेश सरकार ने इन्हीं अच्छे दिनों का वादा किया था।
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