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UPTET - 2017 : परीक्षार्थियों को मिली बड़ी राहत, कोर्ट ने सुनाया अपना फैसला

लखनऊ. हाईकोर्ट ने UPTET - 2017 के एग्जाम में कुछ प्रश्नों को गलत विकल्प पूछे जाने के मामले में दाखिल याचिका पर प्रदेश सरकार को विषय विशेषज्ञों की राय लेने का निर्देश दिया है। इस मामले में अभ्यर्थियों को ओर से दो अलग अलग याचिकाएं दाखिल की गई हैं।
कोर्ट ने कुमरेश कुमार और आठ अन्य याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए छात्र की आपत्ति पर विषय विशेषज्ञों की राय लेकर कोर्ट में भी अवगत करने को कहा हैं। याचिका पर 14 दिसंबर को सुनवाई होगी। इस मामले को लेकर अनूप कुमार और 48 अन्य ने भी हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। कोर्ट ने दोनों याचिकाओं को एक साथ सम्बद्ध करने का निर्देश दिया है।

बता दें कि शिक्षक पात्रता परीक्षा 2017 (UP TET - 2017) को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय की ओर से 15 अक्टूबर को कराइ गई शिक्षक पात्रता परीक्षा पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। अभ्यर्थियों ने इस परीक्षा में पूछे गए कुछ प्रश्नों को एनसीटीई से जारी पाठ्यक्रम के विपरीत बताया है। उत्तरकुंजी जारी होने पर अभ्यर्थी ने नौ प्रश्नो पर साक्ष्योें सहित आपत्ति दर्ज कराइ लेकिन प्राधिकारी कार्यालय ने मात्रा दो प्रश्नों को गलत माना है। अब इस मामले में अभ्यर्थीयों की ओर से बृहस्पतिवार को हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।
अभ्यर्थियों का आरोप है की टीईटी के प्रश्न पत्र में कुछ प्रश्नों को संभावित उत्तर दिए गए तो कुछ के उत्तर ही विकल्प में नहीं थे। कोई प्रश्न अपूर्ण भी थे। टीईटी के बाद परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने उत्तरकुंजी जारी की और आपत्तियां मांगी। प्राथमिक स्तर की उत्तरकुंजी होने के बाद निर्धारित तिथि तक बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों ने नौ प्रश्नों तथा कुछ प्रश्न सेलेबस से बाहर के होने की आपत्ति दर्ज कराइ है। इसके साक्ष्य भी दिए गए हैं। अभयर्थियों ने आरोप लगाया कि प्राधिकारी ने 6 नवंबर को जारी संशोधित उत्तरकुंजी में मात्रा दो प्रश्नों में गड़बड़ी मांगी। शेष प्रश्नों में कोई भी संशोधन नहीं किया।
68500 शिक्षक भर्ती परीक्षा का मसौदा तैयार
प्राइमरी स्कूलों में 68500 सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए पहली बार होने जा रही लिखित परीक्षा मंडल मुख्यालय वाले जिलों में कराने की तैयारी है। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी डॉ. सुत्ता सिंह ने परीक्षा का मसौदा तैयार करवा रही हैं। मसौदे को एक-दो दिन में शासन को भेज दिया जाएगा। इसके साथ ही भर्ती के लिए नियम बनाने और ऑनलाइन आवेदन लेने का काम बेसिक शिक्षा परिषद को दिया जा सकता है। सिर्फ लिखित परीक्षा कराने की जिम्मेदारी परीक्षा नियामक प्राधिकारी को मिलेगी। परीक्षा कराने के बाद मेरिट बेसिक शिक्षा परिषद को सौंप दी जाएगी, जिसके बाद शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू होगी।एक अनुमान के मुताबिक शिक्षक भर्ती के लिए लिखित परीक्षा में अधिकतम ढाई लाख अभ्यर्थियों के सम्मिलित होने का अनुमान है क्योंकि इसकी योग्यता बीटीसी व समकक्ष डिग्री के साथ टीईटी या सीटीईटी पास होना अनिवार्य है। ढाई लाख आवेदकों के लिए मंडल मुख्यालयों पर परीक्षा कराना आसान होगा।

सूत्रों के मुताबिक लिखित परीक्षा का मसौदा तैयार है लेकिन शासन को प्रस्ताव भेजने से पहले अफसर प्रत्येक बिन्दु का गहनता से अध्ययन कर रहे हैं। निकाय चुनाव की आचार संहिता के कारण सरकार की ओर से भी कोई जल्दबाजी नहीं दिख रही।एक दिसंबर को चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद शिक्षक भर्ती पर तेजी से कार्यवाही शुरू होने की उम्मीद है। परीक्षा से पहले अध्यापक सेवा नियमावली 1981 में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की गाइडलाइन के मुताबिक संशोधन करने की प्रक्रिया भी चल रही है।
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